कर्नाटक भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन : मुख्य बिंदु
हाल ही में कर्नाटक में भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन के कारण विवाद उत्पन्न हुआ। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने हाल ही में भूमि सुधार अधिनियम, 1961 में कुछ एक संशोधन किए हैं। जबकि कर्नाटक में विपक्षी ने इस अधिनियम में इन संशोधनों का विरोध किया है।
इन संशोधनों के लिए हाल ही में राज्य सरकार ने विधानसभा में बिल पारित किया था। इन संशोधनों से अब गैर-कृषक कर्नाटक में कृषि भूमि खरीद सकेंगे।
कर्नाटक भूमि सुधार (संशोधन) विधेयक, 2020
इस विधेयक ने कर्नाटक भूमि सुधार अधिनियम, 1961 के तीन प्रमुख खंडों में संशोधन किया गया है। इस विधेयक ने अधिनियम की धारा 79A के प्रावधानों को हटा दिया है। अधिनियम की धारा 79A एक अनुसार केवल उन लोगों को कृषि भूमि खरीदने की अनुमति दी है जिनकी वार्षिक कमाई 25 लाख रुपये से कम है। इस विधेयक ने अधिनियम की धारा 79 सी को भी हटा दिया। इस अधिनियम की धारा 79 सी के तहत राजस्व विभाग भूमि खरीद के दौरान धारा 79 ए और 79 बी के उल्लंघन की जांच कर सकते थे। धरा 79B के अनुसार, कृषि के माध्यम से आजीविका कमाने वाले लोग ही कृषि भूमि खरीद सकते हैं।
आवश्यकता
उपरोक्त सेक्शन केवल भूमि रजिस्ट्रारों और तहसीलदारों के कार्यालयों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा रहे थे। यह सेक्शन उन किसानों के लिए फायदेमंद नही हैं जो किसान अपनी ज़मीन बेचने इच्छुक हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, धारा 79 ए और बी के उल्लंघन के लगभग 13000 मामले लंबित पड़े हुए हैं। ऐसे मामलों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा, कर्नाटक में केवल 2% कृषि भूमि का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया गया है।
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