भारत की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन लांच की गयी
भारत में पहला ड्राइवरलेस ट्रेन संचालन 28 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। यह ट्रेन दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर संचालित की जा रही है।
मुख्य बिंदु
मैजेंटा लाइन नाम की ट्रेन को 38 किलो मीटर लंबी लाइन पर शुरू किया गया है। यह राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के शहरों जैसे गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और बहादुरगढ़ में फैले 390 किलोमीटर लंबे नेटवर्क का एक हिस्सा है।
ड्राईवरलेस ट्रेन परिचालन केवल दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की लाइन 7 और लाइन 8 पर लागू किया जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि केवल ये कॉरिडोर उन्नत सिग्नलिंग तकनीक से लैस हैं।
मजेंटा लाइन को एटीपी (Automatic Train Protection) और एटीओ (Automatic Train Operation) प्रणाली से ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन मोड में परिवर्तित किया जायेगा है। ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन मोड के तहत, ट्रेनों को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के तीन कमांड सेंटरों से नियंत्रित किया जा सकता है। ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन मोड, ट्रेन के संचालन के हर पहलू को रिमोटली मॉनिटरिंग और समस्या निवारण करने की अनुमति देता है। इसके लिए संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण सिग्नलिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है।
दिल्ली मेट्रो
दिल्ली मेट्रो ने 2002 में अपना परिचालन शुरू किया था। यह अब भारत का सबसे बड़ा शहरी रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है। इसकी स्थापना के बाद से, दिल्ली मेट्रो ने कई तकनीकी छलांगें लगाई हैं जैसे कि स्वचालित ट्रेन सुरक्षा, स्वचालित ट्रेन नियंत्रण, स्वचालित ट्रेन सिग्नलिंग प्रणाली इत्यादि। दिल्ली मेट्रो ने मेक इन इंडिया सिग्नलिंग तकनीक भी विकसित की। यह एक संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण तकनीक है। इस प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण सब-सिस्टम स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण (i-ATS) है। I-ATS ने विदेशी निवेशकों पर निर्भरता को बहुत कम कर दिया। I-ATS ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम के साथ काम करता।
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ट्रेन सुरक्षा कानून को परिभाषित किया जाना चाहिए चाहिए