पूर्वी घाट में ‘सन रोज’ की नई प्रजाति की खोज की गयी
हाल ही में वैज्ञानिकों ने ‘सन रोज़’ एक नई प्रजाति की खोज की है, इसका नाम पोर्तुलाका लालजी है। यह पूर्वी घाट में पाया जाने वाला एक जंगली ‘सन रोज’ है।
पोर्तुलाका लालजी
पोर्तुलाका लालजी की खोज आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में की गई थी। इसका नाम लाल जी सिंह के नाम पर रखा गया है। वह बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के एक प्रख्यात वनस्पतिशास्त्री थे। IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में इसे “डेटा डेफिसिएंट” श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है। पोर्तुलाका लालजी की रूपात्मक विशेषताएं पोर्टुलाका जीनस की अन्य प्रजातियों से अलग है। पोर्तुलाका लालजी के फूल लाल-गुलाबी रंग के होते हैं और यह लगभग 0.5 मिलीमीटर के होते हैं। ये पौधे चट्टानी दरारों में 1,800 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं। उन्हें सन रोज श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि वे तेज धूप में फूलते हैं।
इस पौधों के फूल बहुत आकर्षक होते हैं। वे जून और फरवरी के बीच खिलते हैं।
सन रोज़
सन रोज पौधों को रॉक रोज भी कहा जाता है। सन रोज़ के पौधों की 80 से 100 प्रजातियां हैं। यह पौधे धूप के दौरान अपने फूल खोलते हैं। ये पौधे दक्षिण अफ्रीका के केप प्रांत के मूल निवासी हैं। हालांकि, वे व्यापक रूप से पूरी दुनिया में सजावटी पौधों के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
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