उत्तराखंड में खोला गया भारत का पहला पोलिनेटर पार्क
हाल ही में, उत्तराखंड में भारत के पहले पोलिनेटर पार्क का उद्घाटन किया गया है। इस पार्क का उद्घाटन नैनीताल के हल्द्वानी में एक प्रसिद्ध तितली विशेषज्ञ पीटर स्मेटसेक ने किया था।
मुख्य बिंदु
इस पोलिनेटर पार्क में मधुमक्खी, तितली, पक्षी और कीड़े की लगभग 50 प्रजातियाँ हैं। इस पार्क का निर्माण 4 एकड़ के क्षेत्र में किया गया है। इस पार्क का निर्माण उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग द्वारा किया गया है।
इस पार्क के निर्माण का मुख्य उद्देश्य परागकण प्रजातियों के बारे में जागरूकता पैदा करना और उनका संरक्षण करना है। यह पार्क परागण प्रजातियों, उनके निवास स्थान, परागण के विभिन्न पहलुओं, प्रजातियों पर प्रदूषण के प्रभाव जैसे विषयों पर शोध करेगा। इस पार्क की कुछ परागणकर्ता प्रजातियों में रेड पायरोट, कॉमन जेज़ेबेल, कॉमन सेलर, कॉमन ब्लू बॉटल, प्लेन टाइगर, कॉमन इमीग्रेंट, कॉमन फोर-रिंग इत्यादि हैं।
इस अधिकारियों ने पार्क में परागणकों के लिए उपयुक्त निवास स्थान का निर्माण किया है, जिसमें गुलाब, चमेली, हिबिस्कस और मैरीगोल्ड जैसे पौधे शामिल हैं।
इस पार्क में सर्दियों के लिए एस्टर, साल्विया, सूरजमुखी, गिनी और कॉसमॉस जैसे मौसमी फूल पौधे भी लगाए गये हैं। पक्षियों और तितलियों को आकर्षित करने के लिए पूरे पार्क में बर्ड फीडर और घोंसले रखे गए हैं। इस पार्क में पानी की व्यवस्था भी की गयी है।
गौरतलब है कि परागणकर्ता प्रजातियां 1,80,000 से अधिक पौधों की प्रजातियों को परागण प्रदान करती हैं और उनके बिना, मौजूदा पौधों की आबादी में कमी आएगी।
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