भारतीय सेना ने उभरती प्रौद्योगिकियों में स्टार्टअप्स के लिए आउटरीच वेबिनार का आयोजन किया

हाल ही में भारतीय सेना ने उभरती प्रौद्योगिकियों में स्टार्टअप्स के लिए आउटरीच वेबिनार का आयोजन किया। इसके द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्य बिंदु

गौरतलब है कि 17 से 28 दिसम्बर के दौरान  89 स्टार्टअप्स ने भारतीय सेना के लिए अपने स्वदेशी रूप से विकसित नवाचारों, विचारों और प्रस्तावों को वर्चुअली प्रस्तुत किया।  इस दौरान ड्रोन, काउंटर ड्रोन, रोबोटिक्स, ऑटोनॉमस सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, 3 डी प्रिंटिंग, नैनो टेक्नोलॉजी और मेडिकल एप्लिकेशन के क्षेत्र पर कई प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये। इस वेबिनार के दौरान 13 प्रस्तावों को भारतीय सेना के लिए परीक्षण के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है।

इस अवसर भारतीय सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस.एस. हसबनीस ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अत्यधिक महत्वपूर्ण है और रक्षा उद्योग, विशेषकर स्टार्टअप्स को उभरती तकनीकों में निवेश करने की आवश्यकता है।

पिछले कुछ समय से भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा दे रही है। इसके साथ-साथ भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया आधार पर विदेशी कंपनियों को भारत में फैसिलिटी स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है।

वर्तमान समय में भारत राइफल्स, ड्रोन, लड़ाकू विमानों, रक्षा संचार प्रणालियों तथा अन्य रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। जिसके कारण भारत को बड़ी मात्रा पर हथियारों के आयात पर खर्च करना पड़ता है। मार्च 2020 में आई SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार भारत सऊदी अरब का बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है।

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