15 फरवरी तक बढ़ाई गयी फास्टैग (FASTag) की डेडलाइन
केंद्र सरकार ने फास्टैग (FASTag) की डेडलाइन को 15 फरवरी, 2021 तक बढ़ा दिया है। इससे पहले, परिवाहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जनवरी, 2021 से फास्टैग को देश भर में अनिवार्य रूप से लागू करने की घोषणा की थी। अब लोगों को टोल अदा करने के लिए टोल प्लाजा पर रुकने की ज़रुरत नही पड़ेगी, फास्टैग के द्वारा टोल अपने आप ही कट जायेगा।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग में 80% टोल कलेक्शन फास्टैग के माध्यम से किया जा रहा है, सरकार इस आंकड़े को 100% तक ले जाने का प्रयास कर रही है। वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों में टोल संग्रहण प्रतिदिन 93 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
FASTag क्या है?
FASTag इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण प्रणाली है, इसका संचालन राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है। FASTag के द्वारा टोल प्लाजा में रुके बिना ही व्यक्ति के खाते से टोल चार्ज अपने आप कट जायेगा, अब टोल कर अदा करने के लिए गाड़ी रोकने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी।
FASTag एक प्रीपेड अकाउंट से जुड़े हुए होते हैं, इसके द्वारा टोल प्लाजा से गुजरते हुए व्यक्ति के खाते से टोल अपने आप ही कट जायेगा। FASTag के लिए रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है।
FASTag की विशेषताएं
- FASTag को ग्राहक अपनी पसंद के बैंक खाते से लिंक कर सकते हैं।
- इससे ग्राहकों को काफी सुविधा होगी।
- FASTag एप्प की सहायता से किसी भी FASTag को रिचार्ज किया जा सकता है।
- बाद में FASTag का उपयोग पेट्रोल पंप पर इंधन को खरीदने के लिए भी किया जा सकता है।
रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (RFID)
रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड का उपयोग करती है, यह उन टैग्स को डिटेक्ट करती है जिनमे इलेक्ट्रानिकली सूचना स्टोर की जाती है।
एक द्वि-मार्गीय रेडियो ट्रांसमीटर-रिसीवर टैग के लिए सिग्नल भेजता है तथा उसकी प्रतिक्रिया का अध्ययन करता है। RFID रीडर टैग के लिए एक एनकोडेड रेडियो सिग्नल भेजता है। टैग इस सिग्नल को रिसीव करता है तथा अपनी पहचान के साथ कुछ और सूचना को वापस भेजता है।
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