लद्दाख की भूमि, संस्कृति और भाषा के संरक्षण के लिए समिति का गठन किया गया

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख की संस्कृति, भाषा, भूमि की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति का गठन लद्दाख के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के बाद किया गया है, जिसमें लद्दाख की संस्कृति, भाषा और जनसांख्यिकी के खतरे के बारे में चिंता व्यक्त की थी। गौरतलब है कि जब से लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आया है, तब से लद्दाख के स्थानीय लोगों ने संस्कृति, भाषा और जनसांख्यिकी के संरक्षण के बारे में चिंता ज़ाहिर की है।

मुख्य बिंदु

गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति का नेतृत्व गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी करेंगे। इस समिति में केंद्र सरकार, लद्दाख, लद्दाख प्रशासन और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति लद्दाख की संस्कृति, भाषा, भूमि के संरक्षण के साथ-साथ संविधान की छठी अनुसूची में इस क्षेत्र की मांगों को देखने के लिए एक समाधान खोजने की दिशा में काम करेगी। यह समिति लद्दाख के विकास में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करेगी। 2019 में, अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की सिफारिश की थी।

संविधान की 6वीं अनुसूची

संविधान की 6वीं अनुसूची में मेघालय, असम, मिजोरम और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के प्रावधान शामिल हैं। इसमें जनजातीय लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) के गठन का प्रावधान है।

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