स्पेन और फ्रांस ने यूरोप के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये
स्पेन और फ्रांस ने हाल ही में 590 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह यूरोप का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र होगा। स्पेन के इबेरडोला और फ्रांस के डॉनोन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
मुख्य बिंदु
- यह सौर ऊर्जा संयंत्र 364 मिलियन डालर की लागत से बनाया जायेगा।
- यह सौर ऊर्जा संयंत्र स्पेन में कासेरेस प्रांत में स्थित होगा।
- इस सौर ऊर्जा संयंत्र से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 2,45,000 टन की कमी होगी।
- यह प्लांट प्रतिवर्ष 3,75,000 लोगों को बिजली की आपूर्ति करेगा।
- इस परियोजना से 2022 में बिजली की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
स्पेन
स्पेन वर्तमान में यूरोप का सबसे व्यस्त सब्सिडी मुक्त फोटो-वोल्टाइक बाजार है। 2020 में, स्पेन ने 2.9 गीगावॉट सौर उर्जा को कमीशन किया। 2019 में, स्पेन ने 729 मेगावाट सौर ऊर्जा को जोड़ा था।
फ्रांस
फ्रांस ने 2023 तक 18 से 20 गीगावॉट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। 2016 में, भारत के साथ फ्रांस ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की नींव रखी थी। हालाँकि फ्रांस उष्णकटिबंधीय देशों में स्थित देश नहीं है, लेकिन उसने भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में हाथ मिलाया है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा की लागत में बड़ी कमी लाना है। यह लक्ष्य सौर ऊर्जा से समृद्ध देशों को शामिल करके प्राप्त किया जायेगा।
भारत में सौर ऊर्जा
भारत अपनी सौर ऊर्जा क्षमता में वृद्धि कर रहा है। नवंबर 2020 तक, भारत की स्थापित सौर ऊर्जा 36.9 GW थी। भारत ने सौर संयंत्रों के प्रवर्तकों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए 42 सौर पार्क स्थापित किए हैं। भारत ने 2022 तक 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
Categories: अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
Tags:International Solar Alliance , Solar Energy in India , अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन , कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन , भारत में सौर ऊर्जा , सौर उर्जा