केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के श्रीविल्लिपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिजर्व को मंजूरी दी
केंद्र सरकार ने तमिलनाडु में 5वें टाइगर रिजर्व बनाने को मंजूरी दे दी है। इस बाघ में अभयारण्य श्रीविल्लिपुथुर ग्रिज़ल्ड गिलहरी और मेघामलाई वन्यजीव अभयारण्यों को भी शामिल किया जायेगा।
मुख्य बिंदु
कई पर्यावरण कार्यकर्ता लगभग एक दशक से इन दोनों अभयारण्यों को जोड़ने के लिए एक टाइगर रिज़र्व की मांग कर रहे हैं। कार्यकर्ता इस बाघ अभयारण्य को तिरुनेलवेली वन्यजीव अभयारण्य और फिर कलक्कड़ मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व के साथ जोड़ने की मांग कर रहे हैं ताकि यह एक सन्निहित गलियारा बन सके। वन विभाग के प्रस्ताव में 1.48 लाख हेक्टेयर भूमि को श्रीविल्लिपुथुर ग्रिज़ल्ड गिलहरी वन्यजीव अभयारण्य, तिरुनेलवेली वन्यजीव अभयारण्य, और मेघामलाई वन्यजीव अभयारण्य को तमिलनाडु के पांचवें बाघ अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया है।
नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (NTCA) ने नए टाइगर रिजर्व को मंजूरी दे दी है। नया बाघ अभ्यारण्य न केवल वन्यजीव संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि इन जंगलों में वैगई नदी का कायाकल्प भी करेगा। कलक्कड़ मुंडनथुराई और पेरियार टाइगर रिजर्व के निर्माण के साथ, कई दक्षिणी जिलों की पानी की जरूरतें पूरी हुई हैं। नए मेघामलाई-श्रीविल्लिपुथुर टाइगर रिज़र्व के साथ, जंगलों की बेहतर सुरक्षा होगी।
सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (SACON) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाघों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष साक्ष्य ज्यादातर पश्चिमी पठार तक ही सीमित थे। इस रिपोर्ट में मेघामलाई वन्यजीव अभयारण्य के विस्तार की सिफारिश की गई है।
Categories: पर्यावरण एवं पारिस्थिकी करेंट अफेयर्स
Tags:NTCA , Srivilliputhur–Megamalai Tiger Reserve , तमिलनाडु , नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी , श्रीविल्लिपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिजर्व