मत्स्य क्षेत्र : गोवा में 400 करोड़ का निवेश किया जायेगा
केंद्रीय मत्स्य मंत्री गिरिराज सिंह ने 7 फरवरी, 2021 को घोषणा की कि गोवा को भारत का मत्स्य हब बनाने के लिए गोवा में 400 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- तटीय राज्य, गोवा में पूरे भारत में सबसे अधिक मछली उत्पादन की क्षमता है।
- गोवा भारत का “मत्स्य हब” भी बन सकता है।
- केंद्र ने हाल ही में गोवा के मत्स्य क्षेत्र में 400 करोड़ निवेश पर विचार किया है।
- निवेश की राशि केंद्र सरकार और राज्य मत्स्य बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से जुटाई जाएगी।
- केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 47 करोड़ रुपये पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं।
- इस राशि का उपयोग मत्स्य उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए किया जाएगा।
योजना
- योजना के अनुसार, मछुआरों के लिए उनके गांवों के पास नावों को एंकर करने के लिए 30 फिश लैंडिंग जेटी बनाए जाएंगे।
- सड़कों का निर्माण करके जेटी को भी मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
- गोवा में पहले से ही नौ लैंडिंग जेटी हैं जो मछली पकड़ने और पर्यटन उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती हैं।
अन्य घटनाक्रम
- गोवा स्थित सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी (एनआईओ) ने खुलासा किया है कि गोवा में 200 वर्ग किमी क्षेत्र ‘केज कल्चर’ के लिए उपयोगी हो सकता है।
- ‘केज कल्चर’ एक एक्वाकल्चर उत्पादन प्रणाली है जिसमें मछलियों को फ्लोटिंग नेट पेन में रखा जाता है।
- 72 वर्ग किमी के क्षेत्र में 30 लाख पिंजरे लगाए जा सकते हैं।
- इन पिंजरों की स्थापना मछली पकड़ने के क्षेत्र में सुरक्षित समुद्री खेती को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी।
- यह गोवा में बेस्ड मछली प्रसंस्करण इकाइयों को आवश्यक सहायता भी प्रदान करेगा।
- इसके अलावा, केंद्र सरकार गोवा के सभी 70 मछली पकड़ने वाले गांवों के लिए “सागर मित्र” भी नियुक्त करेगी।सागर मित्र मछुआरों को सरकार से संवाद करने में मदद करेगा।
भारत में मत्स्य उद्योग
भारत में यह उद्योग 145 मिलियन लोगों को रोजगार देता है। देश जलीय कृषि में दूसरे स्थान पर है जबकि मत्स्य उत्पादन में यह तीसरे स्थान पर है। भारत के कुल जीडीपी में मत्स्य पालन क्षेत्र की मात्रा 1.07% है।
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