कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन कार्यालय को लांच किया गया
हाल ही में कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन (Karnataka Digital Economy Mission-KDEM) के कार्यालय का उद्घाटन कर्नाटक में किया गया।
मुख्य बिंदु
- इस कार्यालय का उद्घाटन सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में डिजिटल अर्थव्यवस्था के योगदान को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।
- इस कार्यालय के साथ, “बियॉन्ड बेंगलुरु” रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई जो योगदान बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगी।
- इस मिशन की स्थापना एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर की गई है। इस मिशन में, इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (IESA), NASSCOM, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) और विज़न ग्रुप स्टार्ट-अप्स जैसे उद्योगों की 51% हिस्सेदारी है।
- इस कार्यालय को अधिक उद्योग के अनुकूल बनाने के लिए उद्योगों में 51% हिस्सेदारी की अनुमति दी गई है।
- जबकि 49 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास रखी गई है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत किया जाएगा?
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए, सरकार दूरदराज के हिस्सों तक भी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह उन क्षेत्रों में 24/7 बिजली प्रदान करेगी। सरकार आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करके ग्रामीण-शहरी विभाजन को भी कम करने का प्रयास करेगी।
कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन का उद्देश्य
कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन का उद्देश्य राज्य में आईटी क्षेत्र के लिए निवेश आकर्षित करना है। यह 2025 तक 10 लाख नौकरियां सृजित करने का प्रयास करेगा। यह कार्यालय आईटी के 5 वर्टिकल यानी इनोवेशन एंड स्टार्टअप्स, प्रोडक्ट एंड सर्विसेज, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम), ‘बियॉन्ड बेंगलुरु’ और ‘टैलेंट एक्सेलरेटर’ पर फोकस करेगा। आईटी निर्यात में 150 बिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने के उद्देश्य से इस कार्यालय की स्थापना की गई है। यह 2025 तक कर्नाटक को 300 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास करेगा।
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