डीप-सी फिशिंग वेसल्स क्या हैं?

भारत सरकार ने Approved Standardised Deep-Sea Fishing Vessels Design and Specifications (ASDDS) को तैयार करने के लिए एक नोडल प्राधिकरण की स्थापना की है। यह राज्यों के मत्स्य विभाग को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) को लागू करने में मदद करेगा।

ASDDS

  • ASDDS न्यूनतम बुनियादी डिजाइन मापदंडों का एक ढांचा प्रदान करेगा।जहाजों का निर्माण इस निर्धारित ढांचे के तहत किया जाएगा।
  • यह मूल रूपरेखा पहलुओं को कवर करेगा जिसमें आउटलाइन स्पेसिफिकेशन, बेसिक कैलकुलेशन, जनरल अरेंजमेंट और बेसिक स्ट्रक्चरल डिजाईन शामिल हैं।
  • ASDDS कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) द्वारा तैयार किया जाएगा।
  • इस आर केंद्रीय तकनीकी प्रौद्योगिकी संस्थान (CIFT) द्वारा भी कार्य किया जाएगा।
  • इसकी सैद्धांतिक मंजूरी इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) द्वारा दी जाएगी।

DSFV

  • ASDDS के अनुपालन में डीप-सी फिशिंग वेसल्स (DSFV) का निर्माण किया गया था।
  • पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा DSFV को प्रख्यापित किया गया था।
  • DSFV भी PMMSY योजना के तहत सब्सिडी के लिए पात्र होगा।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना

यह एक फ्लैगशिप योजना है जो मत्स्य क्षेत्र के सतत विकास पर केंद्रित है। इसे पांच साल की अवधि के लिए लागू किया जाएगा। यह योजना 1 अप्रैल, 2020 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत शुरू की गई थी।

बजट परिव्यय

PMMSY को 20,050 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ लॉन्च किया गया था। इस राशि में से अंतर्देशीय मत्स्य, समुद्री और एक्वाकल्चर में लाभार्थी उन्मुख गतिविधियों के लिए लगभग 12,340 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है। मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे के लिए 7,710 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।

नोडल प्राधिकरण

CIFT के निदेशक द्वारा इस नोडल प्राधिकरण की अध्यक्षता की जाएगी। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर या आईआईटी मद्रास के नौसेना वास्तुकला विभाग, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और इंडियन शिपिंग रजिस्टर के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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