सरकार फ्रॉड से निपटने के लिए इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना करेगी
केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने एक इंटेलिजेंस यूनिट और एक उपभोक्ता संरक्षण प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह सिस्टम परेशान करने वाली कॉल्स से जुड़े खतरों से निपटने के प्रयास के तहत स्थापित किया जा रहा है। यह दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करने वाले वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में भी मदद करेगा।
पृष्ठभूमि
केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के निर्देश के बाद ऐसी प्रणाली स्थापित करने का फैसला किया। मंत्री ने मोबाइल फोन पर अनचाहे संदेशों के बारे में उपभोक्ताओं की बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। सरकार के इस कदम का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाना है।
सख्त मानदंड
- संचार मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो इस प्रकार के उत्पीड़न के मामलों में शामिल हैं।
- टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के पास भी परेशान करने वाली कॉल की जांच करने के नियम हैं।
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 फरवरी, 2021 को अनैतिक रूप से वाणिज्यिक संचार को रोकने के लिए 2018 के विनियमन के पूर्ण और सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए ट्राई को भी निर्देश दिया था।
योजना
मंत्रालय के निर्देश के बाद, डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) नामक एक नोडल एजेंसी स्थापित की जाएगी। इसे दूरसंचार संसाधनों को शामिल करने वाली किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि की जांच करने के लिए विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय करने का काम सौंपा जाएगा। इस प्रकार, यह प्रणाली डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में लोगों के विश्वास को मजबूत करने में मदद करेगी जो बदले में डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देगी।
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