रूस ने पहला आर्कटिक-निगरानी उपग्रह लॉन्च किया

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस ने अपने पहले आर्कटिक-निगरानी उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है जो आर्कटिक की जलवायु और पर्यावरण की निगरानी करेगा।

मुख्य बिंदु

रोस्कोसमोस ने सोयूज-2.1 बी कैरियर रॉकेट को लांच किया, इस राकेट की सहायता से आर्कटिका-एम (Arktika-M) उपग्रह को ले जाया गया। 28 फरवरी, 2021 को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से इस रॉकेट को लांच किया गया।

सैटेलाइट का उपयोग

यह उपग्रह मौसम संबंधी समस्याओं के साथ-साथ जल विज्ञान समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक जानकारी एकत्र करेगा। यह उपग्रह आर्कटिक क्षेत्र की जलवायु और पर्यावरण की निगरानी भी करेगा। यह रूस के उत्तरी क्षेत्र में भी चौबीसों घंटे सतत निगरानी प्रदान करेगा। आर्कटिका-एम उपग्रह पृथ्वी के उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों की चित्रों को हर 15-30 मिनट में प्रसारित करेगा।

आर्कटिका-एम (Arktika-M)

यह उपग्रह नियोजित रूसी रिमोट-सेंसिंग और आपातकालीन संचार उपग्रहों की एक श्रृंखला में से एक है।  पृथ्वी के उच्च-अक्षांश क्षेत्रों की निगरानी के लिए दो अर्कटिका-एम उपग्रहों का नक्षत्र भी तैयार किया गया है। यह उपग्रह लैवोचकिन एलेक्ट्रो-एल मौसम संबंधी उपग्रह पर आधारित है। इस उपग्रह के पेलोड में मौसम संबंधी प्रणालियों और बचाव प्रणालियों के लिए ट्रांसमीटरों के साथ MSU-GSM मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजर शामिल है। इस उपग्रह के लिए पहला प्रक्षेपण 2013 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन इसमें देरी हुई और 2021 में लॉन्च किया गया।

Roscosmos State Corporation for Space Activities (Roscosmos)

यह रूसी एक सरकारी निगम है जो अंतरिक्ष उड़ानों, एयरोस्पेस अनुसंधान और कॉस्मोनॉटिक्स कार्यक्रमों में शामिल है। वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद रोस्कोसमोस का उदय हुआ था। इसे शुरू में 1992 में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था। रोस्कोसमोस का मुख्यालय मॉस्को में है। इसका मुख्य मिशन नियंत्रण केंद्र पास के शहर कोरोलीव में स्थित है,

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