हरियाणा में स्थानीय लोगों के लिए निजी क्षेत्र में 50,000 रुपये से कम वेतन वाली 75% नौकरियां आरक्षित की जायेंगी

राज्य में बेरोजगारी की बढ़ती दर को का समाधान करने के लिए हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में एक बिल को मंजूरी दी है जिसके तहत निजी क्षेत्र में 50000 रुपये के कम वेतन वाली 75% नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित की जायेंगी।

मुख्य बिंदु

जून, 2020 के महीने में, हरियाणा में देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक बेरोजगारी दर थी। जून 2020 में बेरोजगारी की दर 33.6 प्रतिशत थी।

लागू होने के बाद यह बिल उन सभी निजी तौर पर प्रबंधित कंपनियों, ट्रस्टों, भागीदारी फर्मों, सोसाइटियों, आदि के लिए लागू होगा जो हरियाणा राज्य में स्थित हैं।

स्थानीय लोगों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण, चौटाला की जननायक जनता पार्टी का मुख्य चुनावी वादा था, जिसने भाजपा के साथ गठबंधन में राज्य में सरकार बनाई थी। चौटाला द्वारा पिछले साल पेश किया गया यह बिल निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए हरियाणा के मूल निवासियों के लिए ₹ 50,000 प्रति माह तक के वेतन के साथ 75 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित करना अनिवार्य बनाता है।

कंपनियों को प्रति माह 50,000 रुपये तक के सभी कर्मचारियों का विवरण दर्ज करना होगा। हरियाणा सरकार के अनुसार आरक्षण सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से वांछनीय होगा।

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