कोडागु जिला, कर्नाटक
कोडागु जिला खड़ी पहाड़ियों का एक क्षेत्र है। यह कर्नाटक में दक्षिण भारत के जिले का नाम है। कोडागु शब्द ‘कडु’ (कन्नड़ भाषा) से लिया गया है जिसका अर्थ है खड़ी या पहाड़ी। यह भी कहा जाता है कि कोडागु शब्द ‘कोडवा’ कोड़ से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘दे’ और अव्वा का अर्थ ‘माँ’ है जो माँ कावेरीनदी है।
कोडागु जिले का इतिहास
कोडागु जिले में सबसे प्रमुख कृषक थे। सदियों से कई दक्षिण भारतीय राजवंशों, जैसे कदंब, गंगा, चोल, चालुक्य, राष्ट्रकूट, होयसला और विजयनगर राय ने कोडगु पर शासन किया। कोडागु जिला 11 वीं से 14 वीं शताब्दी तक शासन करने वाले होयसाल का राज्य था। इस भूमि पर 17 वीं से 19 वीं शताब्दी तक कोडागु के हलेरी राजाओं का शासन था। 15 वीं और 17 वीं शताब्दी के बीच कोडागु पर मैसूर सुल्तानों का शासन था जिन्होंने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया था। 1834 में अंग्रेजों ने आखिरी हल्ली राजा को हटाकर कोडागु जिले पर कब्जा कर लिया। स्वतंत्रता के बाद कोडागु जिला कर्नाटक राज्य का एक जिला बन गया।
कोडागु जिले का भूगोल
कोडागु जिला पश्चिमी घाट के शिखर से बना एक क्षेत्र है। यह लंबाई में लगभग साठ मील और चौड़ाई में चालीस है। इसमें लगभग एक हजार पांच सौ अस्सी पांच (1,585) वर्ग मील शामिल हैं। कोडगु एक आकर्षक विविधता के साथ संपन्न है।
कोडागु जिला की अर्थव्यवस्था
कोडागु जिला वन से आच्छादित है और यह कृषि के लिए एक आदर्श क्षेत्र है। वहाँ कॉफी बागान, या रागी पैच, या पार्क जैसे सुंदर ग्लेड उनके सुंदर हरे रंग और विभिन्न पत्तों के साथ खुले हैं। कोडागु कई जनजातियों जैसे यरवस, कुरुबा, एरीस और कुडिया के लिए भी एक देशी भूमि है।
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