भारत “Parliamentary Friendship Groups” का गठन करेगा

भारतीय संसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मित्र राष्ट्रों के साथ संसदीय मैत्री समूह बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रही है।

मुख्य बिंदु

यह जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 16 मार्च, 2021 को दी थी, जब वह संसद में उज़्बेकिस्तान गणराज्य के राजदूत दिलशाद अखतोव से मुलाकात कर रहे थे। इस बैठक के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उज्बेक संसद के दोनों सदनों में “भारत मैत्री समूह” (India Friendship Group) की स्थापना की गई है। उन्होंने आगे कहा कि, उजबेकिस्तान के लिए एक संसदीय मैत्री समूह स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

भारत-उजबेकिस्तान संबंध

भारत और उज्बेकिस्तान एक घनिष्ठ मित्रवत संबंध साझा करते हैं और दोनों देश रणनीतिक साझेदार भी हैं। वर्षों से व्यापार, संस्कृति, राजनीति, विज्ञान, रक्षा, मानवतावादी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से दोनों राष्ट्रों के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 और 2016 में उजबेकिस्तान का दौरा करने के बाद और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति, शावकट मिर्ज़ियोव की वर्ष 2018 और 2019 में भारत की यात्रा के बाद देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है।

संसदीय कूटनीति

लोकसभा अध्यक्ष ने उल्लेख किया कि दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच बातचीत और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने से संसदीय कूटनीति मजबूत होगी। दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।

आर्थिक संबंध

दोनों देश कृषि, व्यापार, पर्यटन, स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं। इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की बड़ी संभावनाएं हैं।

सैन्य सहयोग

दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग भी समय के साथ मजबूत हो रहा है। भारत-उजबेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास “डस्टालिक-II” भी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मील का पत्थर है।

DUSTLIK

DUSTLIK भारतीय सेना और उज्बेकिस्तान की सेना का पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास था। पहला अभ्यास 2019 में उज्बेकिस्तान में हुआ। यह अभ्यास आतंकवाद का मुकाबला करने पर केंद्रित है।

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