शंकरदेव किस प्रदेश से संबंधित हैं?
श्रीमंत शंकरदेव एक 16 वीं सदी के संत-सुधारक थे, जिन्होंने भक्ति के एक रूप एकशरण धर्म का प्रचार किया। उन्होंने एक समतावादी समाज में लाने के उद्देश्य से एक नव-वैष्णव सुधारवादी आंदोलन शुरू किया। उनकी शिक्षाएं मंत्र और 4 घटकों पर केंद्रित हैं: भगवान, प्रार्थना, भक्त और शिक्षक। उन्हें कला के दृष्टिकोण के माध्यम से अपनी अनूठी पूजा के लिए जाना जाता है। उन्होंने पूरे असम में सत्र स्थापित करना शुरू कर दिया। आज ये संस्थान राजनीतिक महत्व रखते हैं।