NAL ने 2-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट HANSA-NG को रोल आउट किया
CSIR की बेंगलुरु स्थित रिसर्च लैब National Aerospace Laboratories ने 2-सीटर ट्रेनर विमान HANSA-NG को विकसित किया है। HANSA-New Generation एक स्वदेशी ट्रेनर एयरक्राफ्ट है, इसमें ग्लास कॉकपिट, बबल कैनोपी डिजाइन, स्मार्ट मल्टी फंक्शनल डिस्प्ले के साथ IFR के अनुकूल एविऑनिक्स, कुशल डिजिटली कंट्रोल्ड रोटैक्स 912 ISC इंजन है, जो इस विमान को बेहतर प्रदर्शन और रेंज प्रदान करता है।
मुख्य बिंदु
इस अवसर पर पांच HANSA NG विमान खरीदने के लिए NAL और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (Indira Gandhi Rashtriya Uran Academy) के बीच आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। NAL के निदेशक जितेंद्र जे. जाधव ने बताया कि उन्हें 30 HANSA- NG trainer ट्रेनर विमान खरीदने के लिए देशभर के विभिन्न उड़ान स्कूलों से लेटर ऑफ इंटेंट मिला है।
National Aerospace Laboratories (NAL)
यह भारत की पहली सबसे बड़ी एयरोस्पेस फर्म है। इसकी स्थापना 1959 में CSIR (Council of Scientific and Industrial Research) द्वारा की गयी थी। शुरुआत में इसका मुख्यालय दिल्ली में था, बाद में इसे बेंगलुरु ले जाया गया। यह फर्म HAL, DRDO और ISRO के साथ मिलकर काम करती है। वर्तमान में NAL के निदेशक जितेन्द्र जे. जाधव हैं।
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