उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने Uttar Pradesh Regulation of Urban Premises Tenancy (second) Ordinance 2021 को मंज़ूरी दी
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने हाल ही में Uttar Pradesh Regulation of Urban Premises Tenancy (second) Ordinance 2021 को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश से किरायेदारी के विवादों में कमी आएगी।
अध्यादेश की मुख्य विशेषताएं
- यह अध्यादेश एक संपत्ति किराए पर लेने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य बनाता है।यह किरायेदार और मालिक दोनों के हितों की रक्षा के लिए किया जा रहा है।
- यह अध्यादेश विवादों को सुलझाने के लिए किराया प्राधिकरण (rent authority) और किराया न्यायाधिकरण (rent tribunal) स्थापित करेगा।वर्तमान में संघर्ष समाधान के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं हैं।
महत्व
- इस अध्यादेश से उत्तर प्रदेश राज्य में उपयुक्त किरायेदारों को प्राप्त करने के लिए शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ खाली घरों को मदद मिलेगी।
- यह लोगों को किराए पर लेने के उद्देश्यों के लिए अधिक संपत्तियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- यह रियल एस्टेट बाजार में मजबूती और गतिशीलता लाने में मदद करेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस अध्यादेश के प्रावधानों में संपत्ति के मालिकों और किरायेदारों के बीच विवाद कम हो जाएगा।
यह अध्यादेश ड्राफ्ट मॉडल टेनेंसी एक्ट के समान है।
मॉडल टेनेंसी एक्ट (Model Tenancy Act)
मॉडल टेनेंसी एक्ट को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया था। इसे संसद में पारित किया जाना बाकी है। मॉडल टेनेंसी एक्ट की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- रेंट अथॉरिटी का गठन।प्रत्येक किरायेदारी समझौते की सूचना इस किराया प्राधिकरण को दी जानी चाहिए।
- मकान मालिकों को बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करनी चाहिए।
- मकान मालिक किरायेदारी अवधि के बीच में संपत्ति के किराए में वृद्धि नहीं कर सकते।
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