आदिकुम्भेश्वर मंदिर की मूर्तिकला

17 वीं शताब्दी के इस मंदिर का इतिहास किंवदंतियों से जुड़ा हुआ है। मंदिर वास्तुकला की सबसे प्रसिद्ध विशेषताओं में से एक इसकी गोपुरम है। इसमें 9 टीयर हैं और यह 128 फीट की ऊंचाई तक बढ़ जाता है। पूरी संरचना को सुंदर मूर्तियों और अन्य लोगों के साथ सजाया गया है। आदि कुंभेश्वर मंदिर में सामान्य वास्तुशिल्प तत्व जैसे, गर्भगृह, मंडप और स्तंभ शामिल हैं।
मुख्य मंदिर के ठीक सामने नंदी की मूर्तियां हैं। इनके अलावा 63 नयनाराम कवि-संतों के चांदी के लहंगे और पंच लोहम आंकड़े हैं। आदि कुंभेश्वर मंदिर की मूर्तिकला की सबसे खासियत इसकी नवरात्रि मंडपम पर डिजाइन है। कल्याण मंडपम में पत्थर की नक्काशी है। यहाँ एक कीरतमूर्ति और सुब्रमण्य की छवियों के बीच आता है। मंदिर में मूर्तिकला और वास्तुकला के कुछ अद्भुत टुकड़े हैं। इसका मुख्य गोपुरम 128 फीट ऊंचा है और इस पर कई जटिल नक्काशीदार मूर्तियां हैं। मंदिर के इस भाग में स्थित भगवान सुब्रमण्य की छवि एक दुर्लभ नमूना है।

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