Central Asia : उजबेकिस्ता-कजाकिस्तान सीमा पार व्यापार केंद्र

कजाकिस्तान और उजबेकिस्तान ने व्यापार और आर्थिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का निर्माण शुरू किया है जिसे “Central Asia” कहा जाता है। Central Asia Trade Center दोनों देशों की सीमाओं पर शुरू किया गया है।

केंद्र के बारे में

  • इस केंद्र का निर्माण 400 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र में किया जायेगा। इसमें 35,000 लोगों और पांच हजार ट्रकों को समायोजित करने की क्षमता होगी। पूरा होने के बाद, यह केंद्र उजबेकिस्तान और कजाकिस्तान की संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने के लिए एक बड़ा व्यापार और औद्योगिक मंच बन जाएगा।
  • यह केंद्र Gisht Kuprik के बॉर्डर चेक पोस्ट के पास स्थित है।
  • चीन और रूस के बाद, कजाकिस्तान उज्बेकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।

भारत-उज्बेकिस्तान सम्बन्ध

  • उज्बेकिस्तान में दुनिया में सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार है। 2019 में, भारत और उज्बेकिस्तान ने एक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत, उजबेकिस्तान ने भारत को 2,000 टन यूरेनियम का निर्यात करने पर सहमति व्यक्त की थी।
  • उजबेकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है।
  • दोनों देशों ने 2020 तक 1 बिलियन अमरीकी डालर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित किया था।

भारत-मध्य एशिया (India-Central Asia)

मध्य एशिया भारत के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एशिया और यूरोप के बीच एक भूमि सेतु का काम करता है। भारत चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) का उपयोग यूरेशियाई बाजारों तक पहुंचने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में करेगा। साथ ही, International North-South Transport Corridor (INSTC) के विकास से भारत को मध्य एशिया के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

INSTC

  • यह एक मल्टी-मोडल परिवहन है जो 2000 में भारत, ईरान और रूस द्वारा सेंट पीटर्सबर्ग में स्थापित किया गया था।इसका मुख्य उद्देश्य माल ढुलाई के परिवहन को बढ़ावा देना है।
  • Maritime India Summit  में, भारत ने चाबहार बंदरगाह को INSTC परियोजना में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।

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