COVAXIN: Bharat Biotech से Hafkine Institute को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को मंजूरी दी गयी
भारत सरकार ने हाल ही में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) से हाफ़काइन इंस्टिट्यूट (Hafkine Institute) में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को मंजूरी दी।
COVAXIN
- इसका निर्माण भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के सहयोग से किया गया है।
- COVAXIN को कोरोना वायरस प्रजनन के लिए अक्षम बनाकर निर्मित किया गया है।
- COVAXIN को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में संग्रहित किया जा सकता है। यह एक मुख्य कारण है कि भारत ने COVAXIN और COVISHIELD को चुना है। ये दोनों टीके भारतीय तापमान के लिए अत्यधिक उपयुक्त हैं। अन्य टीकों जैसे कि मॉडर्ना को -20 डिग्री सेल्सियस और फाइजर को -70 डिग्री सेल्सियस की आवश्यकता होती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भंडारण के तापमान को बनाए रखने में उनकी विफलता के कारण दुनिया में निर्मित लगभग आधे टीके बेकार जाते हैं।
हाफ़काइन इंस्टिट्यूट (Hafkine Institute)
- यह भारत के सबसे पुराने जैव चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों में से एक है।इसकी स्थापना 1899 में डॉ. वल्ड्मार मोर्दकाई हाफ़काइन (Dr. Waldermar Mordecai Haffkine) ने की थी। उन्होंने शुरुआत में प्लेग रिसर्च लेबोरेटरी के रूप में इस संस्थान का गठन किया। यह एक बैक्टीरियोलॉजिकल रिसर्च सेंटर के रूप में स्थापित किया गया था। यह अब मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
- संस्थान Sans Pareil में स्थित है। Sans Pareil बंबई के गवर्नर का आधिकारिक निवास था। यह परेल द्वीप पर जेसुइट मठ (Jesuit Monastery) के एक भाग के रूप में बनाया गया था।
- विलियम हॉर्नबी (William Hornby) Sans Pareil को अपना निवास स्थान बनाने वाले पहले गवर्नर थे।
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