International Energy Agency ने वैश्विक ऊर्जा समीक्षा (Global Energy Review) रिपोर्ट जारी की
अंतर्राष्ट्रीय उर्जा एजेंसी (International Energy Agency) ने हाल ही में Global Energy Review रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन 2019 में दर्ज किए गए स्तरों की तुलना में 1.4% अधिक है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु : भारत
- नवीनीकरण स्त्रोत से बिजली उत्पादन में वृद्धि की तुलना में कोयले से चलने वाली बिजली का उत्पादन तीन गुना अधिक होगा।
- कोयले की मांग 9% बढ़ने की उम्मीद है।
- भारत ने पेरिस समझौते के तहत अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 33% से 35% घटाने के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है। वर्तमान में, भारत का कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन वैश्विक औसत से 60% नीचे है और यूरोपीय संघ में उत्सर्जन के बराबर है, जो कि 35 गीगाटन है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु : विश्व
- दुनिया भर में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 2021 में 5 बिलियन टन बढ़ेगा।
- चीन 2021 में 80% से अधिक कोयले की मांग का नेतृत्व करेगा। दूसरी ओर, चीन नवीकरण से बिजली उत्पादन के लिए भी बाजार का नेतृत्व करेगा।
- अमेरिका और यूरोपीय देशों में कोयले की मांग भी बढ़ेगी। हालांकि, यह पूर्व-संकट के स्तर से नीचे रहेगा।
- कोयला और गैस की मांग 2019 के स्तर से ऊपर जाने की है। हालांकि, तेल की मांग अपने 2019 के उच्चतम स्तर से नीचे रहेगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि COVID-19 संकट के कारण विमानन क्षेत्र काफी अधिक दबाव में है।
- नवीकरणीय ऊर्जा 30% बिजली प्रदान करेगी।
- पवन से विद्युत उत्पादन 275 टेट्रा वाट से बढ़ेगा। यह 17% की वृद्धि है।
- सौर पीवी में 145 टेट्रा वाट की वृद्धि होगी जो कि 2020 की तुलना में 18% की वृद्धि है।
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