पीएम मोदी ने स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर भारत-अमेरिका साझेदारी की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका-भारत साझेदारी की घोषणा की है। पीएम मोदी ने Leaders’ Climate Summit को संबोधित करते हुए भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी की शुरुआत की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
स्वच्छ ऊर्जा पर भारत-अमेरिका सहयोग 2030 तक 450 गीगावाट तक पहुंचने के अपने महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने में भारत की मदद करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने इस शिखर सम्मेलन का आवाहन किया था। इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका, जापान और कनाडा सहित कई देशों ने 2030 तक अपने कार्बन फुटप्रिंट को काफी हद तक काटने के लिए अपनी बढ़ी हुई जलवायु कार्रवाई योजनाओं की घोषणा की।
नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए भारत को क्या करना चाहिए?
- भारत को सेक्टोरल लो-कार्बन डेवलपमेंट पाथवे अपनाने चाहिए।इससे रोजगार सृजन, कम प्रदूषण, प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी।
- विद्युत क्षेत्र को डीकार्बनाईज किया जाना चाहिए।यह देश में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत है। कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 40% से अधिक बिजली उत्पादन से आता है।
- भारत को अपनी कोयले से चलने वाली बिजली क्षमता को नहीं बढ़ाना चाहिए।
- विशेष रूप से बिजली भंडारण और स्मार्ट ग्रिड में अधिक नवीन तकनीकों को अपनाया जाना चाहिए।
- एक बहु-हितधारक आयोग स्थापित किया जाएगा। इसमें सरकारों और प्रभावित समुदायों के सभी स्तरों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
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