भारत में मछली के लिए पहला स्वदेशी टीका विकसित किया गया
चेन्नई में स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रैकिश एक्वाकल्चर (Central Institute of Brackish Aquaculture) ने वायरल नर्वस नेक्रोसिस (Viral Nervous Necrosis) के लिए एक स्वदेशी टीका विकसित किया है। इस वैक्सीन का नाम नोडावैक-आर (Nodavac-R) है।
वायरल नर्वस नेक्रोसिस (Viral Nervous Necrosis)
- यह बीमारी बीटानोडैवायरस (Betanodavirus) के कारण होती है।यह ज्यादातर टेलीस्ट मछली (teleost fish) को प्रभावित करता है। 40 से अधिक प्रजातियां इस वायरस से प्रभावित हैं और उनमें से ज्यादातर समुद्री प्रजातियां हैं।
- यह वायरस निष्क्रिय प्रसार और संपर्क के माध्यम से प्रसारित होता है।
- यह बीमारी ज्यादातर किशोर या लार्वा में होती है।हालाँकि, यह वयस्कों को भी प्रभावित करती है।
भारत में वायरल नर्वस नेक्रोसिस (Viral Nervous Necrosis in India)
भारत में यह बीमारी बड़े पैमाने पर मीठे पानी, समुद्री और खारे पानी की मछलियों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर चिंता रही है।
रेड स्पॉटेड ग्रूपर नर्वस नेक्रोसिस वायरस (Red Spotted Grouper Nervous Necrosis Virus) भारत में पाया जाने वाला एकमात्र जीनोटाइप है। इसमें संक्रमित वयस्क मुख्य वाहक होते हैं।
समाधान
देश में इस बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका वयस्क मछलियों का टीकाकरण करना है। नोडावैक-आर (Nodavac-R) उन सभी प्रजातियों के लिए सुरक्षित है जो वायरल नर्वस नेक्रोसिस के लिए अतिसंवेदनशील हैं।
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