वैज्ञानिकों ने नई सोयाबीन किस्म MACS 1407 विकसित की
भारतीय वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक नई सोयाबीन किस्म विकसित की है जिसे “MACS 1407” कहा जाता है। इस नई किस्म का विकास भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) के साथ पुणे के अगरकर अनुसंधान संस्थान (Agharkar Research Institute) द्वारा किया गया था।
MACS 1407 के बारे में
- यह अधिक उपज देने वाली किस्म है जो प्रति हेक्टेयर 39 क्विंटल उपज देती है।
- इस नई किस्म को परिपक्व होने में 104 दिन और 50% फूल आने में 43 दिन लगते हैं।
- इस नई किस्म में पीले रंग के बीज, सफेद रंग के फूल और काले हिलम हैं।
- बीज में 41% प्रोटीन और 81% तेल की मात्रा होती है।
- नई सोयाबीन किस्म का तना मोटा होता है।
- इसकी अंकुरण क्षमता अधिक है।
- यह किस्म उत्तर पूर्व भारत के वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए सबसे उपयुक्त है।
- यह पत्ती माइनर, लीफ रोलर, गर्डल बीटल, स्टेम फ्लाई, व्हाइट फ्लाई, एफिड्स और डिफोलिएटर्स जैसे कीटों के लिए प्रतिरोधी है।
क्या योजना है?
MACS 1407 सोयाबीन किस्म को 2022 खरीफ मौसम में किसानों को उपलब्ध कराया जाना है।
भारत में सोयाबीन का उत्पादन
2019 में, भारत ने 90 मिलियन टन सोयाबीन का उत्पादन किया।
भारत में मौसम
भारत में तीन मुख्य कृषि मौसम हैं। वे खरीफ, रबी और ज़ैद हैं। खरीफ मौसम के दौरान, फसलों को जून और जुलाई में बोया जाता है। फिर उन्हें सितंबर, अक्टूबर में काटा जाता है। रबी सीजन में, फसलें अक्टूबर से नवंबर में बोई जाती हैं। इनकी कटाई अप्रैल, जून में की जाती है।
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