विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day)
हर साल विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (Global Initiative for Asthma) द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। प्रति वर्ष मई के पहले मंगलवार को दिन मनाया जाता है।
आवश्यकता
WHO के अनुसार, पूरी दुनिया में लगभग 235 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। यह गैर-संचारी रोगों में से एक है। बच्चों में अस्थमा सबसे आम बीमारी है।
अस्थमा के लिए वैश्विक पहल (Global Initiative for Asthma)
विश्व स्वास्थ्य संगठन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान के सहयोग से 1993 में अस्थमा के लिए वैश्विक पहल शुरू की गई थी। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को चिकित्सा दिशानिर्देश प्रदान करती है।
भारत में अस्थमा
भारत में लगभग 6% बच्चे और 2% वयस्क अस्थमा के कारण प्रभावित हैं। भारत में अस्थमा का इलाज किया जाता है और निदान किया जाता है।
इतिहास
पहला विश्व अस्थमा दिवस 1998 में 35 से अधिक देशों में मनाया गया था। पहला विश्व अस्थमा दिवस स्पेन में विश्व अस्थमा बैठक के संयोजन में मनाया गया था।
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