SAIL 100 सबसे मूल्यवान भारतीय फर्मों की सूची में शामिल हुआ

बीएसई पर सेल का स्टॉक नौ साल के उच्च स्तर 135.60 रुपये पर पहुंच गया है। पिछले छह हफ्तों में सेल के शेयरों में 85% की वृद्धि हुई है। इसने 100 सबसे मूल्यवान भारतीय फर्मों की सूची में प्रवेश किया है।

SAIL (Steel Authority of Indian Limited)

यह इस्पात मंत्रालय के अधीन काम करता है। SAIL का वार्षिक टर्न ओवर लगभग 10 बिलियन अमरीकी डालर है।

इसमें पांच बड़े एकीकृत स्टील प्लांट हैं। वे राउरकेला स्टील प्लांट, भिलाई स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट,  IISCO और बोकारो स्टील प्लांट हैं। ये प्लांट चार राज्यों अर्थात् ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड में फैले हुए हैं। इसके अलावा, इसमें तीन विशेष स्टील प्लांट हैं, जैसे विश्वेशरैय्या आयरन एंड स्टील प्लांट, सलेम स्टील प्लांट, अलॉय स्टील प्लांट और चंद्रपुर में फेर्री एलॉय प्लांट।

राष्ट्रीय इस्पात नीति (National Steel Policy)

इसे 2017 में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था। इस नीति के तहत, भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक 300 मिलियन टन के इस्पात उत्पादन को प्राप्त करना है। राष्ट्रीय इस्पात नीति के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं। वे इस प्रकार हैं:

  • 2030-31 तक प्रति व्यक्ति स्टील की खपत 160 किलोग्राम तक बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा।वर्तमान में यह 69 किलोग्राम पर है।
  • 2025-26 तक स्टील का शुद्ध निर्यातक बनना
  • कोकिंग कोल की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाना।यह 2030 तक कोकिंग कोल के आयात को 50% तक कम करने के लिए किया जा रहा है।

पृष्ठभूमि

चीन कच्चे इस्पात (crude steel) का विश्व का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है। विश्व इस्पात उत्पादन में 51% से अधिक उत्पादन चीन द्वारा किया जाता है। भारत 2019 में जापान को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन गया था। स्टील के अन्य शीर्ष उत्पादक रूस, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और जर्मनी हैं।

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