यूज्ड कुकिंग ऑयल-आधारित बायोडीजल की पहली आपूर्ति को हरी झंडी दिखाई गयी
4 मई, 2021 को, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने इस्तेमाल किये गये कुकिंग ऑयल-आधारित बायोडीजल (used cooking oil-based biodiesel) की पहली आपूर्ति को हरी झंडी दिखाई। इसे Expression of Interests Scheme के तहत शुरू किया गया था।
Expression of Interest Scheme
- इसे 2019 में लॉन्च किया गया था।
- इसे इस्तेमाल किए गए कुकिंग ऑयल से उत्पादित बायो डीजल की खरीद के लिए लॉन्च किया गया था।
- इसका मुख्य उद्देश्य इस्तेमाल किये गये खाना के तेल के एकत्रित करना और उसे बायोडीजल में बदलना है।
- अगस्त 2019 और नवंबर 2020 के बीच, यानी, योजना के पहले चरण के दौरान, 11 Expression of Interests प्राप्त हुए थे।
योजना क्या है?
इस्तेमाल किये गये कुकिंग ऑयल से निकाले गए 7% बायोडीजल को डीजल में डोप किया जायेगा।
बायो डीजल क्यों?
बायोडीजल “जीवाश्म ईंधन” का एक विकल्प है। बायो डीजल का उत्पादन पशु वसा, वनस्पति तेल, अपशिष्ट खाना पकाने के तेल से किया जा सकता है। साथ ही, बायो-डीजल का उपयोग करने का मुख्य लाभ इसकी कार्बन-तटस्थता है। इसके अलावा, यह पूरी तरह से गैर विषैला और बायोडिग्रेडेबल है।
वर्तमान परिदृश्य
अब तक, इंडियन ऑयल ने 22.95 करोड़ लीटर की कुल क्षमता वाले बायोडीजल संयंत्रों के लिए 23 पत्र जारी किए हैं।
वर्तमान में, भारत में प्रतिवर्ष 23 मिलियन टन खाद्य तेल का उत्पादन होता है। इसमें से तीन मिलियन टन तेल उपयोग के बाद छोड़ दिया जाता है। इसे यूज्ड कुकिंग ऑयल कहा जाता है। भारत में 222 करोड़ लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल उत्पन्न करने की क्षमता है।
आगे का रास्ता
बायोडीजल में फीडस्टॉक की उपलब्धता एक चुनौती है। इस प्रकार, यूज्ड कुकिंग ऑयल का उपयोग करने से भारत को 5% बायोडीजल के अपने लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल करने में मदद मिलेगी।
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