मेघालय में सॉरोपोड्स की 100 मिलियन वर्ष पुरानी हड्डियों की खोज की गयी

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) के शोधकर्ताओं ने हाल ही में सॉरोपोड डायनासोर (Sauropod dinosaurs) के जीवाश्म हड्डी के टुकड़े पाए। वे 100 मिलियन वर्ष के थे। ये डायनासोर की हड्डियाँ मेघालय जिले के पश्चिम खासी पहाड़ियों (West Khasi Hills) में पाई गई थीं। यह इस क्षेत्र में सॉरोपोड की खोज की पहली घटना है।

सॉरोपोड्स (Sauropods)

  • उनकी गर्दन लंबी, छोटे सिर, लंबी पूंछ और स्तंभ की तरह 4 पैर होते थे।
  • मेघालय ऐसा 5वां राज्य बन गया है जहाँ सॉरोपोड्स के साक्ष्य मिले हैं, इससे पहले गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में इस तरह के साक्ष्य पहले ही मिल हैं।इसके अलावा, मेघालय उत्तर-पूर्व में एकमात्र राज्य है जहाँ सॉरोपोड की हड्डियाँ मिली हैं।
  • पहली डायनासोर की हड्डी की खोज जबलपुर छावनी के बड़ा सिमला हिल (Bara Simla Hill) में की गई थी।

भारत में डायनासोर (Dinosaurs in India)

  • भारत में डायनासोर्स ट्राइसिक काल के अंत से लेकर क्रेटेशियस काल तक मौजूद थे।
  • राजासौरस डायनासोर (Rajasaurus dinosaur) भारत में उत्पन्न हुआ था।
  • भारत में पाए जाने वाले सभी डायनासोरों में से, बारापासॉरस (Barapasaurus) भारत में सबसे बड़ा था।यह चार मीटर ऊँचा और 24 मीटर लंबा था। सबसे खतरनाक टायरानोसॉरस रेक्स (Tyrannosaurus rex) था।

डायनासोर पृथ्वी पर विलुप्त क्यों हुए?

एक बड़ा उल्कापिंड पृथ्वी में गिर गया था, जिसने पृथ्वी की जलवायु परिस्थितियों को बदल दिया। इन जलवायु परिस्थितियों में डायनासोर जीवित नहीं रह सकते थे। इसके अलावा उल्कापिंड के प्रभाव के कारण बनाई गई खाद्य श्रृंखला के असंतुलन से डायनासोरों भुखमरी के कारण भी मारे गये। उल्कापिंड के प्रभाव से कई जानवर मारे गए और अधिकांश जंगल जल गए।

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