RBI ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उपायों की घोषणा की
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में व्यक्तिगत उधारकर्ताओं और देश में छोटे और मध्यम उद्यमों की सुरक्षा के लिए कई उपायों की मेजबानी की है।
घोषित किए गए उपाय क्या हैं?
- RBI ने 50,000 करोड़ रुपये की ऑन-टैप लिक्विडिटी विंडो 4% के रेपो रेट पर खोली है। यह तत्काल तरलता के प्रावधानों को बढ़ावा देगी। बैंक इसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्रों और अन्य लोगों को ताजा ऋण सहायता प्रदान करेंगे। इस विंडो के तहत दिए गए ऋणों को पुनर्भुगतान तक “प्राथमिकता क्षेत्र” के तहत वर्गीकृत किया जाएगा।
- बैंकों को COVID Loan Book बनानी होगी। इस योजना के तहत अधिक ऋण प्रदान करने वाले बैंक अपनी अधिशेष तरलता (surplus liquidity) को RBI के पास COVID ऋण पुस्तिका के रूप में रखेंगे।
- आरबीआई विशेष दीर्घकालिक रेपो परिचालनों (special long term repo operations) का संचालन करेगा जिसे SLRTO कहा जाता है। यह तीन साल के लिए आयोजित किया जायेगा। SLRTO को लघु वित्त बैंकों के लिए रेपो दर पर आयोजित किया जायेगा। यह 10,000 करोड़ रुपये में आयोजित किया जाएगा। लघु वित्त बैंक इन फंड्स का इस्तेमाल ताजा कर्ज देने के लिए करेंगे।
- लघु वित्त बैंकों को अब 500 करोड़ रुपये तक के आकार के सूक्ष्म वित्त संस्थान (Micro Finance Institution) को उधार देने की अनुमति है।
- ओवरड्राफ्ट की अधिकतम दिनों की संख्या 36 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है। इसके अलावा, ओवरड्राफ्ट के लगातार दिनों की संख्या 14 से बढ़ाकर 21 कर दी गई है। इससे राज्य सरकारों को विशेष रूप से बाजार उधार और नकदी प्रवाह में अपनी वित्तीय स्थिति का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। ।
पात्र कौन हैं?
जिन उद्यमों का 25 करोड़ रुपये तक का कुल निवेश है और जिन्होंने पुनर्गठन ढांचे का लाभ नहीं उठाया है, वे इस ढांचे के तहत पुनर्गठन के लिए पात्र हैं।
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