PESCO: EU ने पहली बार अमेरिकी भागीदारी को मंजूरी दी, जानिए क्या है PESCO?

यूरोपीय संघ (European Union) ने हाल ही में नॉर्वे, कनाडा और अमेरिका को Permanent Structured Cooperation (PESCO) रक्षा पहल में भाग लेने के अनुरोध को मंजूरी दी। यह पहली बार है जब यूरोपीय ब्लॉक ने PESCO परियोजना में तीसरे देश को भाग लेने की अनुमति दी है। अब यह देश यूरोप में Military Mobility Project में भाग लेंगे।

PESCO क्या है?

यह यूरोपीय संघ की सुरक्षा और रक्षा नीति का एक हिस्सा है। इसे 2009 में लिस्बन की संधि (Treaty of Lisbon) द्वारा शुरू की गई यूरोपीय संघ की संधि (Treaty of European Union) के आधार पर पेश किया गया था।

PESCO और NATO

PESCO के लगभग चार-पाँच सदस्य नाटो के सदस्य भी हैं। NATO का अर्थ North Atlantic Treaty Organisation (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) है।

अमेरिका और PESCO

अमेरिका ने PESCO के खिलाफ कई बार चिंता जताई है। विश्लेषकों के अनुसार, यह संकेत है कि अमेरिका को यूरोप में प्रभाव का नुकसान होने का डर है। अमेरिका हर साल यूरोपीय संघ के देशों को 1 बिलियन यूरो के हथियार बेचता है।

Military Mobility Project

यह बुनियादी ढांचे में सुधार और नौकरशाही बाधाओं को हटाने के माध्यम से यूरोपीय संघ में सैन्य इकाइयों की मुक्त आवाजाही में सहायता करेगा। यह मुख्य रूप से नौकरशाही बाधाओं (पासपोर्ट की जाँच इत्यादि) और अग्रिम सूचना की आवश्यकता जैसे दो क्षेत्रों के चारों ओर घूमता है। नाटो आपातकाल के दौरान, सैनिक स्वतंत्र रूप से और तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।

पृष्ठभूमि

नवंबर 2020 में, यूरोपीय संघ ने गैर-यूरोपीय संघ के सदस्यों को PESCO में भाग लेने की अनुमति दी थी। इसके बाद कनाडा, अमेरिका और नॉर्वे ने PESCO में भाग लेने का अनुरोध किया था।

PESCO में तटस्थ देश

यूरोपीय संघ के चार देश खुद को तटस्थ घोषित करते हैं। वे ऑस्ट्रिया, आयरलैंड, फिनलैंड और स्वीडन हैं।

Categories:

Tags: , , , , , , , , , , , , ,

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *