वोयेजर 1 (Voyager 1) ने अन्तरिक्ष में एक निरंतर ध्वनी का पता लगाया
वोयेजर 1 प्रोब ने अन्तरिक्ष में हाल ही हमिंग आवाज (humming sound) की खोज की है। वैज्ञानिकों ने इसे “प्लाज्मा वेव एमिशन” नाम दिया है। इस ध्वनि को इंटरस्टेलर गैस गतिविधि के रूप में बताया गया है। वोयेजर 1 वैज्ञानिकों को सौर हवाओं और इंटरस्टेलर माध्यम के बीच की इंटरेक्शन को समझने में मदद करेगा।
खोज के बारे में
वोयेजर के प्लाज्मा वेव सिस्टम इंस्ट्रूमेंट द्वारा इस ध्वनि की खोज की गई थी। यह ध्वनि तब सुनी गयी जब वोयेजर 1 के हेलियोस्फीयर से बाहर निकला और उसने इंटरस्टेलर स्पेस में प्रवेश किया।
वोयेजर 1 के हेलियोस्फीयर से बाहर निकलने के तीन महीने बाद पहली बार यह आवाज सुनी गई। दूसरी यह ध्वनि 6 महीने के बाद सुनी गई थी। हालांकि, दूसरी आवाज तेज थी। इसके साथ, वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि इंटरस्टेलर माध्यम तेज़ी से मोटा हो रहा है।
इंटरस्टेलर माध्यम (interstellar medium) क्या है?
इंटरस्टेलर माध्यम वह विकिरण और पदार्थ है जो आकाशगंगा में तारा प्रणालियों के बीच के स्थान में मौजूद होता है। इस माध्यम में आणविक, परमाणु या आयनिक रूप में गैस होती है।
वोयेजर 1 (Voyager 1)
- वोयेजर 1 पहला अंतरिक्ष यान था जो 2012 में सूर्य के हेलियोस्फीयर से बाहर निकला था।
- वोयेजर 1 को 1977 में लॉन्च किया गया था।
- इसे बाहरी सौर मंडल और रास्ते में आने वाले शनि और बृहस्पति जैसे ग्रहों का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया गया था।
- वोयेजर 2 को वोयेजर 1 का जुड़वां कहा जाता है।
- 44 वर्षों तक काम करने के बाद, यह अभी भी नासा के डीप स्पेस नेटवर्क के साथ संचार कर रहा है।नासा का डीप स्पेस नेटवर्क अमेरिका, स्पेन और ऑस्ट्रेलिया में स्थित एक विश्वव्यापी अंतरिक्ष संचार नेटवर्क है।
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