भारत का पहला कृषि निर्यात सुविधा केंद्र पुणे में स्थापित किया गया
महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर और नाबार्ड (National Bank for Agriculture and Rural Development) ने हाल ही में पहला कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (Agricultural Export Facilitation Centre) लॉन्च किया।
केंद्र के बारे में
- यह केंद्र महाराष्ट्र राज्य के कृषि और खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने में सहायता करेगा।
- यह केंद्र कृषि खाद्य उत्पादन के निर्यात के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेगा।
- केंद्र किसी के लिए भी खुला है जो कृषि निर्यात में शामिल है।
- यह न्यूनतम अवशेष स्तर, बाग प्रबंधन, ब्रांडिंग और विपणन, देश-वार प्रोटोकॉल, विशेष निर्यात उपचार और सरकारी निर्यात योजनाओं जैसे क्षेत्रों में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
- साथ ही, यह केंद्र जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा।
कृषि निर्यात सुविधा केंद्र क्यों महत्वपूर्ण है?
2018 में, भारत ने कृषि निर्यात नीति (Agri Export Policy) शुरू की थी। इस नीति का उद्देश्य कृषि निर्यात को दोगुना करना है, अर्थात 2022 तक कृषि निर्यात को 60 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ाना है। कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (Agricultural Export Facilitation Centre) भारत को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
यह केंद्र महाराष्ट्र में क्यों स्थापित किया गया है?
- महाराष्ट्र कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में से एक है।यह प्याज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। आज यह देश में एक महत्वपूर्ण बागवानी राज्य के रूप में उभर रहा है।
- राज्य में मिट्टी और कृषि जलवायु की स्थिति विविध है।यह राज्य को चावल, गेहूं, अरहर, चना, बाजरा, ज्वार और केला, आम, अंगूर, संतरा, काजू जैसे फल व विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन करने के लिए अनुकूल बनाता है।
- राज्य दालों में अग्रणी उत्पादक है।
- यह दूसरा सबसे बड़ा मोटा अनाज उत्पादक है।
- यह सोयाबीन, गन्ना और कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है।
- यह सूरजमुखी की तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
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