वाईपर (VIPER) रोवर चंद्रमा पर संसाधनों की खोज करेगा

हाल ही में, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने 2023 में चंद्रमा पर अपना पहला मोबाइल रोबोट भेजने की घोषणा की है। यह मोबाइल रोबोट चंद्रमा की सतह पर और इसके नीचे बर्फ और अन्य संसाधनों की खोज करेगा। यह मिशन “रोबोट विज्ञान मिशन” और “मानव अन्वेषण” को साथ-साथ चलने का एक उदाहरण है।

मुख्य बिंदु

यह मोबाइल रोबोट आर्टेमिस कार्यक्रम (Artemis Programme) का एक हिस्सा है। यह Volatiles Investigating Polar Exploration Rover (VIPER) से डेटा एकत्र करेगा और वैज्ञानिकों को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर संसाधनों का मानचित्रण करने में मदद करेगा। VIPER से प्राप्त डेटा वैज्ञानिकों को चंद्र सतह पर सटीक स्थानों और बर्फ की सांद्रता निर्धारित करने में सहायता कर सकता है। वे दक्षिणी ध्रुव पर पर्यावरण और संभावित संसाधनों का मूल्यांकन भी कर सकते हैं

VIPER

VIPER का अर्थ है Volatiles Investigating Polar Exploration Rover। यह एक चंद्र रोवर है जिसे नासा ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने के लिए विकसित किया है। इसे नवंबर, 2023 में चंद्रमा की सतह पर पहुंचाया जाएगा। यह रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में संसाधनों का पता लगाएगा। यह जल-बर्फ वितरण का मानचित्रण करने में मदद करेगा। यह मिशन पिछले रद्द किये गये नासा रोवर Resource Prospector पर आधारित है। इस रोवर को नासा की Commercial Lunar Payload Services (CLPS) पहल के तहत एस्ट्रोबोटिक के ग्रिफिन लैंडर के माध्यम से ले जाया जाएगा।

चंद्र दक्षिणी ध्रुव का महत्व

चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अधिकांश वैज्ञानिकों को आकर्षित करता है क्योंकि स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में पानी-बर्फ की उपस्थिति हो सकती है। इस क्षेत्र में अद्वितीय क्रेटर हैं क्योंकि धूप उनके आंतरिक भाग तक नहीं पहुँच पाती है। ये क्रेटर ठंडे हैं जिनमें हाइड्रोजन, पानी-बर्फ और ऐसे अन्य वाष्पशील के जीवाश्म रिकॉर्ड शामिल हैं।

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