SpaceX ने 60 स्टारलिंक ब्रॉडबैंड उपग्रह लॉन्च किए
एलोन मस्क की एयरोस्पेस कंपनी, SpaceX ने कक्षा में फाल्कन 9 प्रथम चरण बूस्टर के साथ 60 स्टारलिंक ब्रॉडबैंड उपग्रह लॉन्च किए। इन उपग्रहों को फ्लोरिडा में स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 से लॉन्च किया गया।
पृष्ठभूमि
इस टू-स्टेज-टू-ऑर्बिट ने इससे पहले सेंटिनल-6ए (Sentinel-6A) मिशन भी लॉन्च किया था।
मुख्य बिंदु
यह स्पेसएक्स के लिए 2021 में 13वां स्टारलिंक लॉन्च था। इन उपग्रहों को फाल्कन 9 रॉकेट के द्वारा लांच किया गया।
SpaceX
कंपनी ने केवल 2021 में ही 12 लॉन्च किए हैं। उन लॉन्चों में से अधिकांश स्टारलिंक उपग्रह लांच किये गये। SpaceX के पास 30,000 उपग्रहों को लॉन्च करने की अनुमति है।
स्पेसएक्स का स्टारलिंक प्रोजेक्ट(Starlink Project of SpaceX)
Starlink परियोजना के तहत, SpaceX का लक्ष्य 12,000 उपग्रहों का एक तारामंडल बनाना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सस्ती लागत पर अंतरिक्ष आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करना है।
परियोजना का महत्व
वर्तमान में दुनिया में 4 अरब से अधिक लोग इंटरनेट के बिना हैं। यह मुख्य रूप से इंटरनेट पहुंचाने के अक्षम तरीकों के कारण है। अधिकांश देशों में फाइबर ऑप्टिक केबल या वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट दिया जा रहा है। ये तरीके दुर्गम क्षेत्रों में अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हैं जहां टावरों या केबलों को स्थापित करना संभव नहीं है। दूसरी ओर, उपग्रहों के सिग्नल इन कठिनाइयों को आसानी से दूर कर सकते हैं।
स्टारलिंक परियोजना निम्न पृथ्वी की कक्षा का उपयोग क्यों करती है?
पृथ्वी की सतह से 1000 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित कक्षा को लो अर्थ ऑर्बिट कहा जाता है। इस कक्षा में उपग्रह 11,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलते हैं। वे 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करते हैं, यानी इसी समय में पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है। इस प्रकार, तारामंडल में उपग्रह स्थिर प्रतीत होता है। इस प्रकार, वह उपग्रह 24/7 तक पहुंच प्राप्त कर सकता है।
इस परियोजना में इतनी संख्या में उपग्रहों की आवश्यकता क्यों है?
लो अर्थ ऑर्बिट के साथ प्रमुख चिंता यह है कि उनके सिग्नल अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्र को कवर करते हैं। इस प्रकार, ग्रह के हर हिस्से तक पहुंचने के लिए अधिक उपग्रहों की आवश्यकता है।
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