हैम्स्टर्स में डीएनए टीके प्रभावकारी साबित हुए : अध्ययन
ताइवान के शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस स्पाइक प्रोटीन के डीएनए का उपयोग करके एक टीका विकसित किया और चूहे और हैम्स्टर्स (चूहे की एक प्रजाति) पर इसकी प्रभावकारिता का परीक्षण किया। यह तकनीक mRNA के टीकों से अलग है।
मुख्य बिंदु
- डीएनए टीकों को आमतौर पर कोशिकाओं में पहुंचाना मुश्किल होता है।लेकिन, नेशनल हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट, ताइवान के शोधकर्ताओं ने डीएनए टीकाकरण के दौरान इलेक्ट्रोपोरेशन को जोड़ा।
- इस शोध के अनुसार, नए डीएनए वैक्सीन से प्रतिरक्षित चूहों और हैम्स्टर्स ने SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ लंबे समय तक चलने वाले एंटीबॉडी विकसित की।
- प्रतिरक्षण के आठ सप्ताह बाद एंटीबॉडी अपने चरम पर पहुंच गयी लेकिन 20वें सप्ताह में स्तर अपेक्षाकृत अधिक था।
डीएनए वैक्सीन क्या है? (What is DNA Vaccine?)
डीएनए वैक्सीन थर्मल रूप से स्थिर होता है और ऐसे टीकों में कोल्ड चेन की जरूरत नहीं है। यह SARS-CoV-2 के खिलाफ लंबे समय तक चलने वाले न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी के उच्च स्तर को प्रेरित कर सकता है। इसे कम लागत में जल्दी तैयार किया जा सकता है। कई नैदानिक परीक्षणों ने जीका, एचआईवी -1, इबोला और इन्फ्लूएंजा वायरस जैसे संक्रमणों के इलाज में डीएनए टीकों की प्रभावकारिता का संकेत दिया है।
mRNA आधारित टीके क्या हैं?
अधिकांश उपलब्ध कोविड-19 टीके mRNA किस्में पर आधारित हैं। इस तरह के टीके मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को SARS-CoV-2 वायरस को पहचानना सिखाते हैं।
दोनों टीकों में समानता
डीएनए आधारित और mRNA-आधारित दोनों टीके एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया निकालने के लिए वायरस के आनुवंशिक सामग्री एन्कोडिंग भाग का उपयोग करते हैं।
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