मध्याह्न भोजन योजना के लिए डीबीटी को मंजूरी दी गयी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day-Meal Scheme) के तहत छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) के माध्यम से मौद्रिक सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है ।

इसका फायदा किसे होगा?

इस योजना से 11.8 करोड़ पात्र छात्रों को लाभ होगा। इससे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। मौद्रिक सहायता बच्चों के पोषण स्तर की रक्षा करने और उनकी प्रतिरक्षा की रक्षा करने में सहायता करेगी।

फंड्स

केंद्र सरकार मौद्रिक सहायता कार्यक्रम को लागू करने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी। यह भारत में 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा I से VIII में पढ़ने वाले बच्चों को लाभान्वित करने के लिए एक बार का विशेष कल्याणकारी उपाय होगा।

मध्याह्न भोजन योजना (Midday Meal Scheme)

यह स्कूली भोजन कार्यक्रम है जिसे भारत में स्कूली उम्र के बच्चों की बेहतर पोषण स्थिति सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस पहल के तहत स्थानीय निकाय, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, शिक्षा गारंटी योजना, वैकल्पिक नवीन शिक्षा केंद्र, मकतब और मदरसा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कार्य दिवसों पर मुफ्त लंच की आपूर्ति की जाती है। यह योजना बाल अधिकारों पर कन्वेंशन के अनुरूप है, जिसमें भारत भी एक पार्टी है। इस कन्वेंशन के तहत, भारत बच्चों के लिए “पर्याप्त पौष्टिक भोजन” देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत आती है

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