ओपन स्काईज संधि (Open Skies Treaty) में शामिल नहीं होगा अमेरिका

बाईडेन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन अब रूस के साथ ओपन स्काईज संधि (Open Skies Treaty) में फिर से शामिल नहीं होगा।

मुख्य बिंदु

  • यह संधि एक प्रमुख हथियार नियंत्रण समझौता है, जिसने अमेरिका और रूस को अपनी सैन्य सुविधाओं पर निगरानी विमान उड़ाने की अनुमति दी ।
  • अमेरिकी प्रशासन के अनुसार, रूस द्वारा इसका अनुपालन करने में विफलता के कारण अमेरिका इस समझौते में फिर से प्रवेश नहीं करेगा।
  • अब, “न्यू स्टार्ट संधि” (New START Treaty) दोनों देशों के बीच एकमात्र प्रमुख हथियार नियंत्रण समझौता है जिसे हाल ही में अमेरिका द्वारा पांच साल के लिए बढ़ाया गया था।

ओपन स्काइज संधि (Open Skies Treaty)

सोवियत संघ के विघटन के बाद 1992 में ओपन स्काइज संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह पहली बार 1955 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर द्वारा शीत युद्ध के तनाव को कम करने के लिए प्रस्तावित की गयी थी। नाटो के सदस्यों और पूर्व वारसा संधि देशों के बीच इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। 2002 में, 35 से अधिक देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें अमेरिका और रूस भी शामिल थे। भारत, ओपन स्काइज संधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।

प्रमुख विशेषताऐं

ओपन स्काईज संधि का लक्ष्य अपने हस्ताक्षरकर्ताओं के बीच विश्वास पैदा करना है। इस संधि के अनुसार, एक सदस्य देश सहमति प्राप्त करने के बाद ही मेजबान राष्ट्र के किसी भी हिस्से की जासूसी कर सकता है। साथ ही, कोई सदस्य राज्य 72 घंटे से पहले नोटिस देने के बाद मेजबान राज्य की हवाई तस्वीरें ले सकता है।

रूस और अमेरिका

अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस ओपन स्काइज संधि के अनुरूप नहीं है। दूसरी ओर, रूस के अनुसार, इस संधि से अमेरिका की वापसी ने इसके कार्यान्वयन में असंतुलन पैदा कर दिया है। यही रूस के पीछे हटने का कारण है।

अन्य संधियाँ

अमेरिका और रूस ने 2019 में इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्स ट्रीटी (INF) को छोड़ दिया था। INF के अनुसार, दोनों देशों ने परमाणु हथियारों की दौड़ को कम करने के लिए घातक मिसाइल सिस्टम को नष्ट करने पर सहमति व्यक्त की।

 

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