लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप चंद्रन नायर (Pradeep Chandran Nair) बने असम राइफल्स के महानिदेशक
हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप चंद्रन नायर (Pradeep Chandran Nair) ने असम राइफल्स (Assam Rifles) के महानिदेशक का कार्यभार संभाला। वे असम राइफल्स के 21वें महानिदेशक बन गये हैं। वे पहले असम राइफल्स में इंस्पेक्टर जनरल और कंपनी कमांडर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वे ब्रिगेड कमांडर भी रहे चुके हैं।
असम राइफल्स (Assam Rifles)
असम राइफल्स भारत का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल (paramilitary force) है। इसका गठन ब्रिटिश राज में वर्ष 1835 में किया गया था। पहले इसके नाम Cachar Levy हुआ करता था। 1917 में असम राइफल्स नाम रखा। इसका आदर्श वाक्य ‘उत्तर-पूर्व के प्रहरी’ (Sentinels of the North East) है। यह केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, जबकि इसकी पैरेंट एजेंसी भारतीय सेना है। असम राइफल्स का मुख्यालय शिलोंग में है।
नोट : CISF, CRPF, BSF, ITBP तथा SSB केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, इससे पहले इन बलों को अद्धसैनिक बल माना जाता था। परन्तु मार्च 2011 के बाद इन बलों को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रूप में वर्गीकृत किया गया।
भारत में “अद्धसैनिक बल” को किसी कानून के द्वारा आधिकारिक रूप से परिभाषित नहीं किया गया है। “अद्धसैनिक बल” का उपयोग असम राइफल्स (इसका प्रशासनिक नियंत्रण केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है, जबकि इसका संचालनात्मक नियंत्रण भारतीय थल सेना के पास है) तथा स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स (SFF) के लिए किया जाता है।
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