RDSO बना भारत का पहला मानक विकास संगठन (Standard Developing Organization)

भारतीय रेलवे का अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) विंग, मानक विकास संगठन (SDO- Standard Developing Organization) के रूप में घोषित होने वाला भारत का पहला संस्थान बन गया है।

मुख्य बिंदु

  • भारतीय मानक ब्यूरो के “एक राष्ट्र एक मानक” (One Nation One Standard) मिशन के तहत मानक विकास संगठन का टैग दिया गया है।
  • रेल मंत्रालय के अनुसार, यह दो संगठनों द्वारा एक अनूठी पहल है जिसके तहत भारत सरकार ऐसे मानकों को अनुकूलित करने के लिए शेष भारत के प्रमुख अनुसंधान और मानक विकास संगठनों के लिए एक खाका तैयार करेगी।
  • BIS ने “एक राष्ट्र एक मानक” के सरकार के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए ‘राष्ट्रीय मानक निकाय’ (National Standards Body) योजना शुरू की।
  • राष्ट्रीय मानक निकाय योजना “एसडीओ की मान्यता” का भी प्रावधान करती है।

राष्ट्रीय मानक निकाय योजना (National Standards Body Scheme)

BIS ने इस योजना को मौजूदा क्षमताओं और समर्पित डोमेन विशिष्ट विशेषज्ञता को समेकित और एकीकृत करने के उद्देश्य से लॉन्च किया है जो विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास में लगे भारत के विभिन्न संगठनों के पास उपलब्ध हैं।

RDSO

लखनऊ में आरडीएसओ, रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान और डिजाइन विंग है। यह भारत का अग्रणी मानक तैयार करने वाला निकाय है जो रेलवे क्षेत्र के लिए मानकीकरण कार्य करता है।

SDO मान्यता का क्या अर्थ है?

SDO (Standard Developing Organization) की मान्यता के साथ, RDSO (Research Design & Standards Organization) की मानक निर्माण प्रक्रियाएं आम सहमति आधारित निर्णय लेने पर अधिक केंद्रित हो जाएंगी। यह प्रारंभिक चरणों से मानक बनाने की प्रक्रिया में सभी हितधारकों जैसे उद्योग, शिक्षा, परीक्षण गृहों, उपयोगकर्ताओं, मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं आदि को व्यापक रूप से संलग्न करेगा। इस टैग के साथ, उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिसके परिणामस्वरूप लागत में कमी और गुणवत्ता में सुधार होगा। यह आयात निर्भरता को भी कम करेगा और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगा।

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