IIT-खड़गपुर ने Early Cyclone Detection Technique विकसित की

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर ने एक प्रारंभिक चक्रवात का पता लगाने की तकनीक (early cyclone detection technique) विकसित की है जो उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के विकास या मजबूती का शीघ्र पता लगाने में मदद करेगी।

चक्रवात का पता लगाने की तकनीक (Cyclone Detection Technique)

IIT ने एडी डिटेक्शन तकनीक (Eddy detection technique) का उपयोग करके इस तकनीक को विकसित किया है। यह उष्णकटिबंधीय साइक्लोजेनेसिस (tropical cyclogenesis) के प्रारंभिक चरणों और अग्रिम पता लगाने के समय की जांच करेगा। इस तकनीक का अध्ययन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम (Climate Change Program) के तहत किया गया था। वायुमंडलीय स्तंभ (atmospheric column) में पूर्व-चक्रवाती एडी भंवरों (pre-cyclonic eddy vortices) के प्रारंभिक निशान की पहचान करने के उद्देश्य से यह तकनीक विकसित की गई है।  एड़ी भंवरों (eddy vortices) की विशेषताओं की पहचान करने के लिए शोधकर्ताओं ने 27 किलोमीटर के मोटे ग्रिड रिज़ॉल्यूशन का उपयोग किया।

यह तकनीक अलग कैसे है?

पहले चक्रवातों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन इसका पता लगाना गर्म समुद्र की सतह पर कम दबाव प्रणाली के बनने के बाद ही संभव था। नई तकनीक चक्रवाती एडीज (cyclonic eddies) पर आधारित है जो ऊर्ध्वाधर वायुमंडलीय स्तंभ (vertical atmospheric column) की प्रमुख विशेषताएं हैं जो गर्म समुद्र की सतह पर एक चक्रवाती अवसाद (cyclonic depression) में विकसित होती हैं। इसका उपयोग प्रारंभिक अवस्था में चक्रवातों की भविष्यवाणी का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। इस प्रकार, चक्रवात का पता लगाने और प्रभाव के बीच बड़ा समय अंतराल तैयारी गतिविधियों में मदद कर सकता है।

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