Stygarctus keralensis: केरल के नाम पर टार्डीग्रेड की प्रजाति का नाम रखा गया
केरल में “स्टाइगारक्टस केरलेंसिस” (Stygarctus Keralensis) नाम की एक नई प्रजाति की पहचान की गई है। टार्डीग्रेड्स की इस छोटी और सख्त प्रजाति का नाम केरल के नाम पर रखा गया है।
टार्डिग्रेड्स (Tardigrades)
टार्डिग्रेड्स छोटी प्रजातियां हैं जिन्हें आमतौर पर ‘वाटर बियर’ (water bears) और ‘मॉस पिगलेट’ (moss piglets) कहा जाता है। वे इतने छोटे हैं कि उनका अध्ययन करने के लिए अत्याधुनिक सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता होती है। वे अपने आकार के बावजूद पृथ्वी पर सबसे कठोर जानवर भी हैं। उन्हें पहली बार 1773 में जर्मन प्राणी विज्ञानी जोहान अगस्त एप्रैम गोएज़ (Johann August Ephraim Goeze) द्वारा वर्णित किया गया था। उन्होंने इन प्रजातियों को क्लेनर वासरबार (Kleiner Wasserbar) कहा था।
स्टाइगारक्टस केरलेंसिस (Stygarctus keralensis)
यह नई टार्डीग्रेड प्रजाति जीनस स्टाइगारक्टस से संबंधित है। वे भारतीय जल से पहली टैक्सोनॉमिक रूप से वर्णित समुद्री टार्डिग्रेड हैं। Stygarctus keralensis की खोज उत्तरी केरल के वडकारा से हुई थी। ये जीनस स्टाइगारक्टस के तहत नामित आठवीं प्रजाति हैं। वे 130 माइक्रोमीटर (0.13 मिमी) की लंबाई तक बढ़ते हैं और पहाड़ की चोटी के साथ-साथ गहरे समुद्र में भी पाए जाते हैं।
स्टाइगारक्टस (Stygarctus)
Stygarctus परिवार Stygarctidae के tardigrades की एक प्रजाति है। इसका नाम 1951 में एरिच शुल्ज (Erich Schulz) ने रखा था।
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