हेब्बल-नागवाड़ा घाटी परियोजना (Hebbal-Nagawara Valley Project) क्या है?

कर्नाटक में लघु सिंचाई विभाग द्वारा हेब्बल-नागवाडा घाटी परियोजना के तहत एक झील के निर्माण के लिए सिंगनायकनहल्ली में 6,000 से अधिक पेड़ों को काटने के प्रस्ताव के खिलाफ पर्यावरणविद् संघर्ष कर रहे हैं।

मुख्य बिंदु

वन विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना में सिंगनायकनहल्ली झील, येलहंका होबली को विकसित करने के लिए 6,316 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव दिया, क्योंकि वे इस परियोजना के रास्ते में आ रहे हैं।

हेब्बल-नागवाड़ा घाटी परियोजना

  • यह परियोजना बेंगलुरु शहरी, ग्रामीण और चिकबल्लापुर में 65 टैंकों को भरने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
  • बगलुरु झील इस परियोजना से उपचारित जल प्राप्त करने वाली पहली झील थी।
  • यह परियोजना इस क्षेत्र में 11 अन्य झीलों में पानी की आपूर्ति के लिए एक संरक्षित जलाशय के रूप में कार्य करेगी।
  • पीने के पानी और कृषि उद्देश्यों के लिए उपचारित जल का प्रत्यक्ष उपयोग निषिद्ध था लेकिन किसानों का विचार था कि परियोजना जल स्तर को बढ़ा रही है।

मामला क्या है?

कार्यकर्ता इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को हटाने की आवश्यकता और तर्क पर सवाल उठा रहे हैं।

हेब्बल झील (Hebbal Lake)

यह झील बेल्लारी रोड और आउटर रिंग रोड के जंक्शन के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के मुहाने पर बैंगलोर में स्थित है। इन झीलों को 1537 में केम्पे गौड़ा ने बनाया था। इसका निर्माण प्राकृतिक घाटी प्रणालियों को नुकसान पहुंचाकर किया गया था। यह 75 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे 143 हेक्टेयर तक विस्तारित करने की योजना है।

Categories:

Tags: , , , , ,

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *