उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में संशोधन किया जायेगा
भारत ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के लिए नियमों को कड़ा करने की योजना बनाई है और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में कई संशोधनों का प्रस्ताव दिया है।
पृष्ठभूमि
यह निर्णय छोटे व्यवसायों की शिकायतों के बाद लिया गया था। उन्होंने ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस पर मार्केट दबदबे का गलत इस्तेमाल करने और ऑनलाइन रिटेलर्स द्वारा भारी छूट देने का आरोप लगाया है। इन संशोधन का प्रस्ताव ऐसे समय में किया गया है जब फ्लिपकार्ट और अमेज़न इंडिया जैसे बड़े ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस की बाजार प्रभुत्व के कथित दुरुपयोग के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) द्वारा जांच की जा रही है।
प्रस्तावित नियम
- संशोधित नियमों में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ‘फ्लैश सेल’ को सीमित करने का प्रस्ताव है।
- हालांकि, यह पारंपरिक ई-कॉमर्स फ्लैश सेल पर प्रतिबंध नहीं लगाता है।कुछ विशिष्ट फ्लैश सेल या बैक-टू-बैक सेल की अनुमति नहीं दी जाएगी जो ग्राहकों की पसंद को सीमित करती है, कीमतों में वृद्धि करती है।
- ई-कॉमर्स फर्मों को पर्याप्त निवारण तंत्र स्थापित करना होगा और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी (chief compliance officer) नियुक्त करना होगा।
- कंपनियों को एक निवासी शिकायत अधिकारी (resident grievance officer) को नियुक्त करना होगा जो कंपनी का कर्मचारी और भारत का नागरिक होना चाहिए।वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए संपर्क के नोडल बिंदु के रूप में काम करेंगे।
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