सर्बिया ने भारतीय बागवानी उत्पादों के लिए बाजार पहुंच प्रदान की
सर्बिया के बाजार ने भारतीय आलू, प्याज और अनार के लिए अपना बाजार खोल दिया है।
मुख्य बिंदु
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के अनुसार, भारत में उगने वाले अनार और प्याज के निर्यात के लिए फाइटोसेनेटरी प्रमाणपत्र (phytosanitary certificate) की आवश्यकता नहीं है।
- हालांकि, आलू के निर्यात के लिए यह प्रमाणपत्र आवश्यक है।
- आलू की खेप को विशिष्ट फाइटोसैनिटरी आवश्यकताओं के साथ पूरा करने की आवश्यकता है और अतिरिक्त घोषणा के रूप में इसका उल्लेख फाइटोसैनिटरी प्रमाणपत्र पर किया जाना चाहिए।
फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट क्या है?
यह एक महत्वपूर्ण आधिकारिक घोषणा है जो पौधों और पौधों की सामग्री के निर्यात और आयात के लिए आवश्यक है। यह प्रमाण पत्र दर्शाता है कि खेप (consignment) कीट और रोगों से मुक्त है। यह प्रमाणीकरण खेप आयात करने वाले देशों में कीटों और बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए प्रदान किया जाता है। यह नए कीटों और बीमारियों के प्रवेश को भी रोकता है।
यह प्रमाणन कैसे प्रदान किया जाता है?
इस प्रमाणपत्र के लिए प्रत्येक देश की अपनी आवश्यकताएं हैं। यह प्रमाणन राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठन (National Plant Protection Organization – NPPO) या उसके समकक्ष अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के तहत किया जाता है। इस प्रमाणपत्र के पैरामीटर विश्व व्यापार संगठन (WTO) समझौते द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हैं। यह टैरिफ और व्यापार GATT 1994 के सामान्य समझौते के अंतिम अधिनियम का एक महत्वपूर्ण घटक है।
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