असम के बर्मीज अंगूर (Burmese Grapes) दुबई को निर्यात किए गए

उत्तर-पूर्वी राज्यों से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की निर्यात क्षमता का दोहन करने के लिए, गुवाहाटी से दुबई को ताजा बर्मीज अंगूर (Burmese grapes) का शिपमेंट निर्यात किया गया था।

मुख्य बिंदु

  • बर्मीज अंगूर को असमिया भाषा में ‘लेटेकु’ (Leteku) कहा जाता है।
  • लेटेकु विटामिन सी और आयरन से भरपूर होता है।
  • अंगूरों को असम के दरंग जिले के एक संग्रह केंद्र में सोर्स और पैक किया गया था।
  • इस माल का निर्यात एपीडा (APEDA) पंजीकृत किगा एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था।

एपीडा की भूमिका

  • एपीडा भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात मानचित्र पर पूर्वोत्तर राज्यों को पंजीकृत करने के लिए प्रचार गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
  • हाल ही में, एपीडा ने अमेरिका को ‘लाल चावल’ की पहली खेप के निर्यात की सुविधा प्रदान की थी, जो ‘असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में उगाया जाता है।इसमें किसी भी तरह के रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं होता है। चावल की इस किस्म को ‘बाओ-धान’ भी कहा जाता है और यह असमिया भोजन का एक अभिन्न अंग है।
  • एपीडा ने भौगोलिक संकेत (जीआई) प्रमाणित काजी नेमू (असम नींबू) के लंदन को निर्यात में भी सहायता की।अब तक लगभग 40 मीट्रिक टन असम नींबू का निर्यात किया जा चुका है।
  • इसने यूरोप को ताजे फल और सब्जियों के निर्यात के लिए अनिवार्य आवश्यकता या बुनियादी ढांचे को पूरा करने के बाद गुवाहाटी में एक पैक हाउस स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान की है।

बर्मीज अंगूर (Burmese Grape)

यह Phyllanthaceae परिवार का एक धीमी गति से बढ़ने वाला सदाबहार पेड़ है। यह एशिया में पाया जाता है और आमतौर पर बर्मा, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, बांग्लादेश, भारत और मलेशिया में इसकी खेती की जाती है। यह सदाबहार जंगलों में विभिन्न प्रकार की मिट्टी पर उगता है। इसे फल के रूप में खाया जाता है, या इससे शराब बनाई जाती है, या त्वचा रोगों के इलाज के लिए औषधीय रूप से उपयोग किया जाता है।

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