‘कृषि अवसंरचना कोष’ (Agriculture Infrastructure Fund) में संशोधन किया गया

कैबिनेट ने 8 जुलाई, 2021 को ‘कृषि अवसंरचना कोष’ (Agriculture Infrastructure Fund)  में संशोधन को मंजूरी दी है।

मुख्य बिंदु

  • इस कदम का उद्देश्य 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (AIF) का विस्तार करना है।
  • यह AIF से 2 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त करने के लिए कृषि उपज बाजार समितियों (Agricultural Produce Market Committees – APMCs) सहित लाभार्थी संस्थानों का विस्तार करेगा।इस क्रेडिट का उपयोग कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग, ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना के लिए किया जाएगा।
  • केंद्र सरकार ने अब तक इस फंड से 4,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

नए संशोधन

  • चुकौती अवधि (repayment period) को भी 2025-26 तक 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया है।
  • सरकार ने इस योजना की कुल अवधि भी 10 साल से बढ़ाकर 13 साल कर दी है। इसयोजना 2032-33 तक वैध होगी।
  • AIF से ऋण प्राप्त करने की पात्रता राज्य एजेंसियों या APMCs, सहकारी समितियों के राष्ट्रीय और राज्य संघों, संघों के स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के संघों तक बढ़ा दी गई है।
  • कैबिनेट ने कृषि मंत्री को इस योजना की मूल भावना को बदले बिना लाभार्थी को जोड़ने या हटाने पर केंद्र की मंजूरी के बिना जरूरत पड़ने पर आवश्यक बदलाव करने की अनुमति दी है।
  • वर्तमान मानदंडों के अनुसार, एक संगठन या किसान द्वारा 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज सबवेंशन योजना के तहत केवल एक स्थान पर पात्र है।यदि एक पात्र संस्था अलग-अलग स्थानों पर परियोजनाएं लगाती है तो सभी परियोजनाएं ब्याज सबवेंशन के लिए पात्र होंगी। हालांकि, निजी क्षेत्र की इकाई में अधिकतम 25 ऐसी परियोजनाएं हो सकती हैं। 25 परियोजनाओं की यह सीमा राज्य एजेंसियों, सहकारी समितियों के राष्ट्रीय और राज्य संघों, स्वयं सहायता समूहों के संघों और एफपीओ के संघ पर लागू नहीं होगी।

अध्यक्ष का पद

नारियल विकास बोर्ड (Coconut Development Board – CDB) के अध्यक्ष का पद अब गैर-कार्यकारी के रूप में बनाया जाएगा। कैबिनेट ने इस संगठन में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निर्माण को भी मंजूरी दी।

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