कृष्णा और गोदावरी नदी बोर्डों के क्षेत्राधिकार अधिसूचित किये गये

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड (Krishna River Management Board – KRMB) और गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड (Godavari River Management Boards – GRMB) के गठन के सात साल बाद उनके अधिकार क्षेत्र को अधिसूचित किया है।

मुख्य बिंदु

  • इन बोर्डों के गठन के साथ, केंद्र ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में दो नदी घाटियों में जल विद्युत उत्पादन सहित सभी परियोजनाओं का संचालन उन्हें हस्तांतरित कर दिया। यह 14 अक्टूबर, 2021 से प्रभावी होगा।
  • जल शक्ति मंत्रालय द्वारा यह अधिसूचना जारी की गई थी।
  • इस अधिसूचना में कृष्णा बेसिन में 35 और गोदावरी बेसिन में 71 परियोजनाओं को बोर्ड के दायरे में लाया गया है।
  • इसने बोर्डों को परियोजनाओं में बांधों, जलाशयों, नहर नेटवर्क के हिस्से, संरचनाओं को विनियमित करने, पारेषण लाइनों और बिजली घरों के हेडवर्क संचालित करने का अधिकार दिया है।
  • आंध्र प्रदेश और  तेलंगाना अधिसूचना के प्रकाशन के 60 दिनों के भीतर प्रत्येक KRMB के बैंक खाते में 200 करोड़ रुपये जमा करेंगे ताकि बोर्ड अपने कार्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन कर सकें।

अधिसूचना का महत्व

जल शक्ति मंत्रालय की यह अधिसूचना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच तीन जलाशयों अर्थात् श्रीशैलम, नागार्जुन सागर और पुलीचिंतला में परियोजना कार्यों और जल विद्युत उत्पादन के संबंध में विवाद के बढ़ने के आलोक में महत्वपूर्ण है।

आंध्र और तेलंगाना के बीच विवाद

आंध्र प्रदेश लंबे समय से बोर्डों के दायरे के लिए अधिसूचना की मांग कर रहा है, जबकि तेलंगाना इसका विरोध कर रहा है कि राज्यों के हिस्से के पानी पर स्पष्टता प्रदान किए बिना परियोजनाओं के संचालन को सौंपना अर्थहीन होगा।

KRMB का कार्य 

KRMB को कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण (KWDT) द्वारा दिए गए अवार्ड के संबंध में परियोजनाओं और इसके घटकों से उत्पन्न पानी और बिजली की आपूर्ति को विनियमित करने का कार्य सौंपा गया है।

Categories:

Tags: , , , , , , , ,

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *